US Pentagon On Huthi Rebels Attack Multiple Anti-ship Ballistic Missiles Drones Missile Down By American Military

US On Huthi Attack: अमेरिकी सेना ने रेड सी में स्थित हूती विद्रोहियों की ओर से दागे गए एक दर्जन से अधिक ड्रोन और कई मिसाइलों को मार गिराया है. इस बात की जानकारी पेंटागन ने मंगलवार (26 दिसंबर) को दी. हालांकि, इस हमले के दौरान हूती जहाजों को कोई नुकसान नहीं हुआ और न ही कोई घायल हुआ है. AFP की रिपोर्ट के मुताबिक पेंटागन के सेंट्रल कमांड ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि 10 घंटे के ऑपरेशन के दौरान 12 ड्रोन, 3 एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल और दो जमीन-से-जमीन हमला करने वाली मिसाइलों को मार गिराया गया.

हूती विद्रोहियों ने गाजा के प्रति समर्थन में रेड सी में एक जहाज पर मिसाइल से हमला किया था. इस दौरान उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उन्होंने गाजा के समर्थन में कॉर्मशियल जहाजों को निशाना बनाने का ऑपरेशन शुरू किया है. इसके बाद उन्होंने कई कॉर्मशियल जहाजों को अपना निशाना बनाया, जिसमें भारत के गुजरात आने वाली एक जहाज भी शामिल थी. हूती ने ये हमले 7 अक्टूबर को शुरू हुए इजरायल-हमास युद्ध के बाद शुरू किया है. हूती विद्रोहियों का कहना है कि वे गाजा पट्टी में इजरायली आक्रमण को रोकने के लिए इजरायल और उनका समर्थन करने वाले हर जहाज को निशाना बना बनाएंगे.

इजरायली सेना ने हमले को किया नाकाम
इससे पहले मंगलवार को यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (UKMTO) ने कहा था कि यमन के पश्चिमी तट पर होदेदा बंदरगाह के पास विस्फोट की आवाजे सुनाई पड़ी थी. इस दौरान कई मिसाइलें देखी गईं.ब्रिटिश समुद्री अथॉरिटी के अनुसार मंगलवार को दो अन्य विस्फोट हुए थे, जो होदेइदा के पास एक जहाज के पास हुए थे.

मिस्र के राज्य से जुड़े मीडिया ने कहा कि मंगलवार को मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप के तट पर भी विस्फोटों की आवाज सुनी गई.  इजरायली सेना ने कहा कि वायु सेना के एक फाइटर जेट ने रेड सी एरिया में दुश्मन पक्ष के तरफ से किए गए हवाई हमले को नाकाम कर दिया है. ये सारे हमले इजरायली क्षेत्र की ओर किए जा रहे थे.

हूती विद्रोहियों ने 100 से अधिक ड्रोन हमले किए
पेंटागन के अनुसार हूती विद्रोहियों ने अब तक कुल 100 से अधिक ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं, जिसमें 35 से अधिक विभिन्न देशों के 10 व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया गया है. ये हमले व्यापारिक समुद्री रास्ते पर खतरा पैदा कर रहे हैं, जिस रास्ते वैश्विक व्यापार का 12 फीसदी हिस्सा माल एक-जगह से दूसरे जगह जाता है.

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