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India’s Richest Muslim Family: भारत का यह मुस्लिम परिवार 3 पीढ़ियों से देश में अपना नाम रोशन कर रहा है. खास बात है कि आधा फैमिली साल 1965 में पाकिस्तान चली गई थी.

हाइलाइट्स
- अजीम प्रेमजी भारत के सबसे अमीर मुस्लिम बिजनेसमैन हैं.
- प्रेमजी परिवार तीन पीढ़ियों से बिजनेस में नाम कमा रहा है.
- अजीम प्रेमजी की नेटवर्थ 12.2 बिलियन डॉलर है.
Who is Richest Muslim Businessman: भारत में मुस्लिम आबादी ने कला, साहित्य, गायन और कलाकारी के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाया है. लेकिन, जब बात बिजनेस और सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व की आती है तो मुस्लिम समाज पिछड़ता हुआ नजर आता है. हालांकि, हिंदुस्तान में एक ऐसा मुस्लिम परिवार है जो तीन पीढ़ियो से बिजनेस जगत में अपना नाम रोशन करता हुआ आ रहा है. खास बात है कि 1947 में देश के बंटवारे के समय मोहम्मद अली जिन्ना ने इस परिवार को पाकिस्तान आने को कहा, लेकिन इस फैमिली ने जिन्ना का ऑफर ठुकरा दिया और हिंदुस्तान में रहकर अपने बिजनेस को बढ़ाया. आज की तारीख में यह परिवार देश की सबसे अमीर मुस्लिम फैमिली है.
देश की इस सबसे अमीर मुस्लिम फैमिली का नाम है ‘प्रेमजी’ परिवार और इसके मुखिया हैं अजीम प्रेमजी, जो आईटी कंपनी विप्रो के फाउंडर हैं. आइये आपको बताते हैं अजीम प्रेमजी की फैमिली हिस्ट्री, बिजनेस और नेटवर्थ के बारे में…
इस्माइली मुस्लिम समुदाय से तालुक
मुंबई में साल 1945 में अजीम प्रेमजी का जन्म हुआ. उनके पिता मोहम्मद प्रेमजी एक चावल कारोबारी थे. मूल रूप से मोहम्मद प्रेमजी, म्यांमार में बिजनेस करते थे, लेकिन 1940 में वे हिंदुस्तान आए और यहीं बस गए. देश के बंटवारे के समय मोहम्मद अली जिन्ना ने अजीम प्रेमजी के पिता मोहम्मद प्रेमजी को पाकिस्तान आने को कहा और उन्हें वित्त मंत्री बनाने तक का ऑफर दिया, लेकिन मोहम्मद प्रेमजी ने इससे इनकार कर दिया.
उधर, अजीम प्रेमजी भारत में रहकर अपनी पढ़ाई करते रहे और हायर स्टडी के लिए अमेरिका चले गए. अजीम प्रेमजी के बड़े भाई फारुख प्रेमजी पिता के साथ बिजनेस में हाथ बंटाने लगे. लेकिन, साल 1965 में फारुख प्रेमजी शादी के बाद फैमिली का साथ छोड़कर पाकिस्तान चले गए. इसके एक साल बाद मोहम्मद प्रेमजी की मौत हो गई, और अजीम प्रेमजी को अमेरिका से पढ़ाई छोड़कर हिंदुस्तान आना पड़ा.
कर्ज में डूबी कंपनी से संवारी किस्मत
अजीम प्रेमजी ने पिता के तेल कारोबार की जिम्मदारी संभाली. हालांकि, उस समय कंपनी पर भारी कर्ज था, लेकिन प्रेमजी ने मेहनत से उस मिल को ना सिर्फ संकट से निकाला, बल्कि कारोबार को और बढ़ाया. इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग और बॉडी केयर सेक्टर में कई प्रोडक्ट लॉन्च किए.
1980 में आईटी कंपनी की शुरुआत
विरासत में मिले तेल कारोबार को अजीम प्रेमजी ने खूब बढ़ाया, लेकिन वे कुछ नया भी करना चाहते थे इसलिए 1977 में उन्होंने आईटी सेक्टर में कदम रखा. अजीम प्रेमजी ने कंपनी का नाम बदलकर विप्रो रख दिया और देश में उभरते कंप्यूटर उद्योग की क्षमता को पहचानते हुए, उन्होंने विप्रो को कंप्यूटर हार्डवेयर और बाद में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की ओर मोड़ दिया.
अजीम प्रेमजी की कंपनी विप्रो ने इंटरनेशनल कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की और देश व दुनिया में अपनी पहचान बनाई. मौजूदा समय में विप्रो देश ही नहीं बल्कि दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनियों में गिनी जाती है. विप्रो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 3 ट्रिलियन यानी तीन खरब रुपये है.
कितनी दौलत, कितना देते दान
अजीम प्रेमजी, जहां भारत के सबसे अमीर मुस्लिम बिजनेसमैन हैं तो वहीं भारत के 19वें नंबर के सबसे दौलतमंद व्यक्ति हैं. फोर्ब्स के अनुसार, अजीम प्रेमजी की नेटवर्थ 12.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर है. खास बात है कि अजीम प्रेमजी दान देने के मामले में भी बहुत आगे हैं.
EdelGive Hurun India Philanthropy List के अनुसार, साल 2021 में अजीम प्रेमजी भारत के परोपकारी अरबपतियों में शीर्ष स्थान पर रहे. उन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ₹9,713 करोड़ का दान दिया, जो प्रतिदिन 27 करोड़ के बराबर है.
New Delhi,New Delhi,Delhi
February 22, 2025, 14:38 IST
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