सीमा कुमारी
नवभारत डिजिटल टीम: ‘विश्व यूनानी दिवस’ (World Unani Day) हर साल आज यानि 11 फरवरी को समूची दुनिया भर में मनाया जाता है। यह दिवस समाज सुधारक और महान यूनानी विद्वान ‘हकीम अजमल खान’ की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
ये है यूनानी पद्धति के जनक
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जाने-माने यूनानी शिक्षा पद्धति के विद्वान हकीम अजमल खान 11 फरवरी 1868 को दिल्ली में हुआ था। देश में यूनानी चिकित्सा पद्धति और शिक्षा में उनके योगदान को याद करने के लिए हर साल 11 फरवरी को विश्व यूनानी दिवस मनाया जाता है।
जाने माने हकीम है अजमल खान
आपको जानकारी के लिए बता दें कि हकीम अजमल खान बेहतरीन चिकित्सक के अलावा बेहतरीन राजनेता भी थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। इसके अलावा, अजमल खान कवि के साथ-साथ आज के समय में देश के बेहतरीन शिक्षा संस्थानों में एक जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और आयुर्वेदिक व यूनानी तिब्बिया कॉलेज दिल्ली की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। इसके अलावा, वे जामिया मिलिया इस्लामिया के स्थापना काल से जीवन के अंतिम दिनों तक चांसलर रहे और 1927 में उनकी मृत्यु तक वे इस पद पर बने रहे।
इन संस्थानों का किया निर्माण
हकीम अजमल खान ने यूनानी चिकित्सा प्रणाली के विस्तार और विकास में बहुत रुचि ली और तीन महत्वपूर्ण संस्थानों का निर्माण किया, दिल्ली में सेंट्रल कॉलेज, हिंदुस्तानी दवाखाना, और आयुर्वेदिक और यूनानी तिब्बिया कॉलेज, जिसे तिब्बिया कॉलेज, करोल बाग, दिल्ली के नाम से जाना जाता है। जिसने क्षेत्र में अनुसंधान और अभ्यास का विस्तार किया और भारत में यूनानी चिकित्सा प्रणाली को विलुप्त होने से बचाया।
उनके निरंतर प्रयासों ने ब्रिटिश शासन के तहत अन्यथा क्षयग्रस्त चिकित्सा प्रणाली में नई ऊर्जा, शक्ति और जीवन का संचार किया।