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नवभारत डिजिटल टीम: आज यानि 11 फरवरी को विश्व यूनानी दिवस (World Unani Day 2024) के रूप में मनाया जा रहा है। यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक के अलावा इस यूनानी चिकित्सा पद्धति से भी इलाज होता है लेकिन इसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होती है।
जानिए क्या है दिवस का उद्देश्य
यूनानी दिवस का मुख्य उद्देश्य यह है कि, विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के बीच यूनानी चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता के बारे में जागरूकता फैलाना है तथा इसके माध्यम से लोगों को स्वस्थ जीवन जीने में मदद करना है। इसके अलावा इस दिवस को भारत के यूनानी हकीम अजमल खान ( Unani Hakim Ajmal Khan ) को श्रद्धांजलि देने के लिए भी मनाया जाता है। हम जानते हैं यूनानी चिकित्सा पद्धति के अनुसार प्रकृति सबसे अच्छी उपचारक होती है। इस प्रणाली में जड़ी-बूटियों के विशेषज्ञ होते हैं, जो हर व्यक्ति के स्वास्थ्य और रोग के अनुसार चार तरीकों से उपचार करते हैं।

यूनानी चिकित्सा पद्धति ( हेल्थ मिनिस्ट्री)
क्या यूनानी दिवस का इतिहास
इस यूनानी दिवस का इतिहास की बात की जाए तो, इस यूनानी चिकित्सा पद्धति की पहली पहचान प्राचीन ग्रीस में हुई थी। इसके इतिहास में यूनानी चिकित्सा प्रणाली में हिप्पोक्रेट्स ( Hippocrates ) और उसके अनुयायियों द्वारा इसकी शुरूआत की गई थी। इसके बाद इसे 1868 में भारत में जन्मे Unani Hakim Ajmal Khan ने भारत में विकसित और प्रसारित किया। वर्तमान में भारत, पाकिस्तान, पर्शिया और साउथ अफ्रीका व इंग्लैंड सहित कई देशों में इस उपचार प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है।