नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: जैसा कि, भारत में कई प्रकार की ऐसी बीमारियां है जो देश में विद्यमान है और अब तक जड़ से खत्म नहीं हुई है इसमें ट्यूबरक्लोसिस (TB) भी एक है जिसके मामले अब तक मिल रहे है। इस बीमारी का इलाज संभव होने के बाद पूरी तरह से खात्मा नहीं हुआ है। इसके प्रति जागरूकता दिखाने के लिए ही 24 मार्च को World Tuberculosis Day 2024 मनाया जाता है। हर साल इस बीमारी से लाखों की संख्या में लोगों की मौत हो जाती है। इसका कारण बीमारी के बारे जागरूकता का ना होना।
कब से हुई दिवस मनाने की शुरुआत
आपको बता दें कि 24 मार्च 1882 को डॉक्टर रॉबर्ट कोच ने माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (World Tuberculosis Day) नाम के बैक्टीरिया की खोज की थी। इस दिन के बाद से आज के दिन 24 मार्च को हर साल विश्व टीबी डे इस दिन मनाया जाने लगा जो अब तक जारी है।
WHO ने सबसे खतरनाक रोगों में किया शामिल
आपको बताते चलें, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तपेदिक (TB) को दुनिया के सबसे घातक संक्रामक रोगों में रखा है। साल 2022 में भारत में दर्ज किए गए टीबी के कुल मामलों की संख्या 21.42 लाख थी, जिनमें से अकेले तेलंगाना में 72,878 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा इस बीमारी के मामलों में लगातार इजाफा देखने के लिए मिला है।
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जानिए क्या है टीबी की बीमारी और लक्षण
इस बीमारी ट्यूबरक्लोसिस यानि TB की बात करें तो, इसे गंभीर श्वसन रोग माना जाता है, ये बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाली समस्या है, जिसमें आपके फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के खांसने-छींकने से निकली ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने के कारण दूसरे लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। इतना ही नहीं भीड़-भाड़ वाली जगहों में टीबी के संक्रमण के फैलने का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। इस टीबी की बीमारी के कई प्रकार से लक्षण देखने के लिए मिलते है इसमें फ्लू जैसे लक्षण होते है। इसमें मरीज को हल्का बुखार, थकान और खांसी होती है। संक्रमण बढ़ने की स्थिति में खांसी के साथ बलगम आने, सांस लेने या खांसने के साथ दर्द होने, बुखार-ठंड लगने, रात में पसीना आने के लक्षण भी होते है।
किसी भी अंग में हो सकती है TB
इस टीबी की बीमारी से पीड़ित लोगों के खांसने और छींकने से निकलनेवाली छोटी-छोटी बूंदों के जरिए अन्य लोग प्रभावित हो सकते हैं। इस बीमारी में फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी या गले में भी टीबी की बीमारी हो सकती है. लेकिन फेफड़ों में होने वाली टीबी से ही खांसने या छीकंने के जरिए बीमारी फैलती है।
टीबी से बचाव और इलाज
इस बीमारी का इलाज मौजूदा समय में संभव हो गया है इसमें डॉक्टरों के मुताबिक, जिन लोगों में टीबी का परीक्षण किया गया है उन्हें दवाओं से लाभ मिल सकता है। टीबी की बीमारी को फैलने से रोकने के लिए आपको अन्य लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को घर के लोगों उचित दूरी बनाकर रखना संभव होता है। टीबी के रोगाणु बंद स्थानों में अधिक आसानी से फैलते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप जिस कमरे में रहते हैं वहां पर वेंटिलेशन की अच्छी व्यवस्था बनाए रखें। जब आपको अन्य लोगों के आसपास रहना हो तो मास्क पहनें।