नई दिल्ली12 घंटे पहले
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अब जल्द ही आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर वर्डपैड ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट जल्द ही अपने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम से इस एप्लिकेशन को हटाने जा रही है। इस अपडेट के बारे में सबसे पहले विंडोज इनसाइडर के विंडोज 11 कैनरी चैनल बिल्ड में जानकारी दी गई थी।
ब्लॉग पोस्ट में कहा गया कि नए बिल्ड के ऑपरेटिंग सिस्टम के क्लीन इंस्टाल के बाद वर्डपैड और पीपल ऐप्स इंस्टॉल नहीं होंगे। फिलहाल, बदलाव बीटा वर्जन में किए गए हैं, जो बाद में स्टेबल वर्जन में भी आ सकता है, लेकिन अपडेट्स के बाद ये मौजूदा ऑपरेटिंग सिस्टम से हट जाएगा।

री-इंस्टॉल भी नहीं किया जा सकेगा
1995 से यह ऐप विंडोज के साथ मिल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्डपैड को माइक्रोसॉफ्ट राइट की जगह लाया गया था। इसमें MS वर्ड की तरह ज्यादा फीचर्स मिलते थे और यह नोटपैड ऐप का एडवांस्ड वर्जन है। 28 साल से चली आ रही इस ऐप को न सिर्फ हटाया जा रहा है, बल्कि यह री-इंस्टॉल भी नहीं किया जा सकेगा।
हालांकि, वर्डपैड यूजर्स के लिए अच्छी खबर ये है कि कंपनी ने इसे अभी स्टेबल विंडोज 11 वर्जन से नहीं हटाया है और इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आप नई विंडोज इंस्टॉल करते हैं या मौजूदा विंडोज को अपडेट करते हैं तो आपको ये दोनों ऐप नहीं मिलेंगे। इनकी जगह आपको दूसरे ऑप्शन का इस्तेमाल करना होगा।
MS वर्ड और नोटपैड का इस्तेमाल कर सकते हैं
माइक्रोसॉफ्ट ने यूजर्स को वर्डपैड की जगह MS वर्ड और नोटपैड का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। .doc और .rtf फाइल्स के लिए कंपनी ने MS वर्ड और .txt फाइल्स के लिए विंडोज नोटपैड इस्तेमाल किया जा सकता है।
AI चैटबॉट कोपायलट के लिए अलग से मिलेगा बटन

माइक्रोसॉफ्ट ने करीब 30 साल बाद लैपटॉप और पीसी के की-बोर्ड में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। टेक कंपनी ने अपने AI चैटबॉट कोपायलट को सीधे की-बोर्ड बटन से लॉन्च करने के लिए नया बटन की-बोर्ड में जोड़ा है। इससे कंपनी यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना चाहती है।
माइक्रोसॉफ्ट ने ‘कोपायलट की’ को ‘विंडोज की’ से रिप्लेस कर इंट्रोड्यूस किया है। इसे अधिकांश की-बोर्ड पर दाहिनी ओर ‘ऑल्ट की’ के बगल में रखा जाएगा, जिसका प्लेसमेंट OEM (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर) और दूसरे बाजारों में अलग-अलग होगा। नए बटन पर कोपायलट का लोगो लगा है।
फिलहाल यह बदलाव माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज 11 ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कुछ चुनिंदा पर्सनल कम्प्यूटरों में दिखेगा। माइक्रोसॉफ्ट ने 1994 में विंडोज/स्टार्ट-की को इंट्रोड्यूस किया था। इसके बाद यह पहला मौका है, जब कंपनी ने की-बोर्ड लेआउट में कोई मॉडिफिकेशन किया है।

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माइक्रोसॉफ्ट ने एंड्रॉयड यूजर्स के लिए नया को-पायलट ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप के जरिए यूजर अपने AI चैटबॉट को एक नई सर्विस के रूप में इस्तेमाल कर पाएंगे। यह ऐप सर्च इंजन बिंग से अलग है और पूरी तरह से माइक्रोसॉफ्ट के AI टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…