why Marriage certificate is compulsory in divorce and others areas

Marriage Certificate: भारत में सभी धर्म की शादियों के लिए मैरिज सर्टिफिकेट होना जरूरी है. मैरिज सर्टिफिकेट एक कानूनी प्रमाण पत्र है, जिसे बनवाने के लिए विवाहित जोड़े को रजिस्ट्रार के सामने अपनी शादी के कुछ प्रमाण और गवाह पेश करने होते हैं. क्या आप जानते हैं मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया और कहां काम आता है शादी का सर्टिफिकेट…

कैसे बनवाएं मैरिज सर्टिफिकेट

मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा है. साथ में, कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स भी अपलोड करने होंगे. पिछले लगभग 3 साल से रजिस्ट्रेशन की सुविधा ऑनलाइन कर दी गई है. रजिस्ट्रेशन करते समय यह डॉक्यूमेंट्स अपने साथ रखें- 

पति-पत्नी को अपना जन्म प्रमाण पत्र और कक्षा दसवीं का प्रमाण पत्र लगाना होगा

आधार कार्ड और चार-चार पासपोर्ट साइज फोटोज

कम से कम शादी के दो फोटोग्राफ और पति-पत्नी के साथ में दो फोटोग्राफ

रजिस्ट्रेशन के बाद दंपति को एक तारीख मिलेगी, उसे दिन दोनों को रजिस्ट्रार के सामने उपस्थित होना होगा. 

कहां-कहां काम आता है मैरिज सर्टिफिकेट?

पासपोर्ट के लिए अप्लाई करते समय शादी के प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है

अगर दंपति ट्रेवल वीजा या किसी देश में स्थाई निवास के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो मैरिज सर्टिफिकेट दिखाना होगा

शादी के बाद अगर जॉइंट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं, उसमें भी मैरिज सर्टिफिकेट लगता है

तलाक की अर्जी के लिए मैरिज सर्टिफिकेट बुनियादी सबूत है

विधवा महिलाओं के लिए चल रही योजनाओं के लिए मैरिज सर्टिफिकेट दिखाना बेहद जरूरी है

अपने पति या पत्नी के खिलाफ घरेलू मामलों से संबंधित FIR के लिए भी मैरिज सर्टिफिकेट लगता है

अगर महिला अपना नाम नहीं बदलना चाहती तो मेरे सर्टिफिकेट के बगैर सरकारी सुविधाओं पर लाभ नहीं मिलेगा

5 साल तक नहीं बन पाया सर्टिफिकेट, अब कैसे बनेगा

वैसे तो, शादी होने के बाद 30 दिन के भीतर मैरिज सर्टिफिकेट बनवा लेना चाहिए. इसके बावजूद अतिरिक्त फीस के साथ 5 वर्ष तक मेरे सर्टिफिकेट बनवाने का प्रावधान है. 5 साल तक नहीं बनवाया है तो इसके बाद जिला रजिस्ट्रार ही मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने की छूट दे सकता है.

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