why gorilla glass name gorilla by corning What is Gorilla Glass and how is it made – News18 हिंदी

नई दिल्ली. गोरिल्ला ग्लास एक ग्लास प्रोटेक्टर है जो स्मार्टफोन्स, टैबलेट और कई दूसरे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स के साथ है जो उनकी स्क्रीन को प्रोटेक्ट करता है. लेकिन, इसका नाम ‘गोरिल्ला’ क्यों रखा गया? इसका नाम के पीछे वजह क्या है? इस बारे में कम ही लोगों को जानकारी होती है. ऐसे में हम यहां इसके बारे में बताने जा रहे हैं. गोरिल्ला ग्लास अकाली-एल्युमिनोसिलिकेट की एक पतली शीट है जिसे आयन-एक्सचेंज मेथड के जरिए मजबूत किया जाता है और लेकिन ये कोई नया आविष्कार नहीं है, इसे 1960 में कॉर्निंग इंक द्वारा विकसित किया गया था.

डेवलप किए जाने पर इसे कॉर्निंग नाम दिया गया था. हालांकि, तब के इसके प्रैक्टिकल एप्लिकेशन ऑटोमोटिव, एविएशन और फार्मास्युटिकल एरिया तक सीमित थे. जहां मजबूत और लाइटवेट ग्लास की जरूरत थी. लेकिन, जहां तक स्मार्टफोन्स में गोरिल्ला ग्लास आने की बात है तो ये 2006 में आया था. जब दिवंगत CEO स्टीव जॉब्स ने ऐपल के iPhone के लिए कुछ मजबूत और स्क्रैच रेजिस्टेंस ग्लास के लिए कॉर्निंग इंक के सीईओ वेंडेल वीक्स से संपर्क किया.

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सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये नाम कैसे आया?
कॉर्निंग ने पहले के ‘कॉर्निंग’ के बजाय अपने ग्लास के ट्रेडमार्क के के लिए ‘गोरिल्ला ग्लास’ का इस्तेमाल किया क्योंकि यह गोरिल्ला की तरह मजबूत और सख्त था. ‘गोरिल्ला ग्लास’ नाम मटेरियल की ड्यूरेबिलिटी और स्ट्रेंथ से इंस्पायर्ड है, जो गोरिल्ला की मजबूती की याद दिलाता है. ये नाम कांच की सख्त और डैमेज-रेजिस्टेंस पर जोर देता है और इसकी तुलना जंगली गोरिल्ला की शारीरिक ताकत और लचीलेपन से की जाती है.

गोरिल्ला ग्लास नाम के साथ कॉर्निंग ने ग्लास के एक्सेप्शनल ड्यूरेबिलिटी और टफनेस को रिफ्लेक्ट करने के लिए ये नाम चुना है. ये रोजाना की जिंदगी में टूट-फूट को झेलने की इसकी एबिलिटी को हाइलाइट करता है. ‘गोरिल्ला ग्लास’ नाम इफेक्टिव तरीके से प्रोडक्ट की ताकत और मजबूती को कम्युनिकेट करता है, जो मार्केट में इसकी ब्रांड आइडेंटिटी में कंट्रीब्यूट करता है.

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