क्रिकेट में खिलाड़ियों और अंपायर के बीच बहस अक्सर देखी जाती है, हालांकि अंपायर के फैसलों का विरोध करना गेंदबाज या कप्तान को महंगा भी पड़ सकता है. नियमों के अनुसार आप अंपायर के फैसलों से नाराजगी जाहिर कर गुस्सा नहीं दिखा सकते, लेकिन यहां हम आपको दो ऐसी घटनाओं के बारे में बता रहे हैं जब अंपायर से गुस्सा होकर गेंदबाजों ने अपना आपा ही खो दिया.
क्रिकेट को जेंटलमैन का गेम कहा जाता है, लेकिन कई ऐसी घटनाएं हुई जिसने क्रिकेट को शर्मसार भी किया. जिन 2 किस्सों के बारे में हम बता रहे हैं, वो तब हुई जब वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम की वर्ल्ड क्रिकेट में धाक थी. तेज गेंदबाज कोलिन क्रॉफ्ट ने अंपायर को गुस्से में धक्का मारा तो माइकल होल्डिंग ने स्टंप्स पर अपना गुस्सा निकाला.
कोलिन क्रॉफ्ट ने अंपायर को क्यों मारा धक्का?
अपने समय के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में शुमार कोलिन क्रॉफ्ट ने अंपायर को गुस्से में धक्का मारा था. ये घटना 1979-80 की है जब वेस्टइंडीज टीम न्यूजीलैंड दौरे पर थी. एक मैच के दौरान कोलिन ने बाउंसर गेंद डाली, जो बल्ले के नजदीक से होते हुए विकेट कीपर के पास गई. गेंदबाज को पक्का यकीन था कि ये आउट होगा, लेकिन अंपायर ने नहीं दिया. कोलिन को लग रहा था कि अंपायर ने ऐसा जानबूझ कर किया. इसके बाद अंपायर ने अगली गेंद पर नो बॉल दे दी, इससे गेंदबाज इतना ज्यादा गुस्सा हो गए कि गेंदबाजी करते हुए अंपायर को जानबूझकर धक्का मार दिया. इसके बाद ग्राउंड पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई. हैरानी की बात है कि इसके बाद भी कोलिन क्रॉफ्ट को कोई सजा नहीं मिली थी.
माइकल होल्डिंग ने स्टंप पर मारी लात
1980 में न्यूजीलैंड दौरे पर वेस्टइंडीज टीम के महान गेंदबाज माइकल होल्डिंग को भी अंपायर पर इतना गुस्सा आया कि उन्होंने लात मारकर स्टंप को उखाड़ दिया. ये तब हुआ जब अंपायर ने जॉन पार्कर के कैच को नकार दिया. इसके बाद होल्डिंग ने गुस्से में स्ट्राइकर एंड के स्टंप्स को लात मारकर उखाड़ दिया, जिस पर काफी विवाद हुआ. हालांकि इसके बाद होल्डिंग ने माना था कि उनका ये व्यवहार सही नहीं था, हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इससे खेल में सुधार लाएगी. ऐसी घटनाओं के बाद आईसीसी ने न्यूट्रल अंपायर की नियुक्ति के साथ कुछ और कदम उठाए, जिससे खेल की गरिमा और निष्पक्षता बनी रहे.
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