Uttar Pradesh | बाल-बाल बचे UP के मदरसे! 2004 के एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जानें अहम बातें

Supreme Court on Madrasa of Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश के मदरसे पर सुप्रीम कोर्ट (डिजाइन फोटो)

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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के उस आदेश पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी जिसमें उत्तर प्रदेश (uttar Pradesh) मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 (Madrasa Education Board Act) को ‘असंवैधानिक’ और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला करार दिया गया था। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया।

पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पीठ ने कहा,‘‘ मदरसा बोर्ड का उद्देश्य नियामक सरीखा है और प्रथम दृष्टया इलाहाबाद उच्च न्यायालय की यह बात सही नहीं प्रतीत होती कि बोर्ड का गठन धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन होगा।” शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 2004 के अधिनियम के प्रावधानों के गलत अर्थ निकाले। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 22 मार्च को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को ‘‘असंवैधानिक” और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला करार दिया था।

उच्च न्यायालय ने साथ ही राज्य सरकार को वर्तमान छात्रों को औपचारिक स्कूल शिक्षा प्रणाली में समायोजित करने को कहा था। अदालत ने यह आदेश अंशुमान सिंह राठौर नाम के व्यक्ति की याचिका पर दिया। याचिका में उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी।

(एजेंसी)

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