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UPSC Success Story: हम जब भी यूपीएससी का नाम सुनते हैं, तो हमारे दिमाग में सीधे आईएएस और आईपीएस आता है, और आए भी क्यूँ ना? ऐसा माना जाता है कि जिन उम्मीदवारों की रैंक यूपीएससी परीक्षा में अच्छी आती है, उन्हें ही आईएएस और आईपीएस बनने का मौका मिलता है। लेकिन क्या आप ने सुना है कि किसी ने यूपीएससी में 13 रैंक लाकर भी आईएएस बनना नहीं चुना। सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन यह सच है, जोधपुर की विदुषी ने यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक 13 लाने के बावजूद आईएएस बनना नहीं बल्कि आईएफएस अधिकारी बनना चुना। आइए आपको बताते हैं विदुषी की कहानी।
विदुषी, जोधपुर की रहने वाली हैं, लेकिन उनका पैतृक निवास अयोध्या का है। विदुषी ने यूपीएससी की तैयारी दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज से 2021 में बीए इकोनॉमिक्स ओनर्स की डिग्री प्राप्त करने के बाद ही शुरू कर दी थी। उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन के दौरान ही यूपीएससी के लिए सेल्फ स्टडी करना शुरू कर दिया था। उन्होंने किसी भी कोचिंग में पढ़ने के बजाय सेल्फ स्टडी करना सही समझा।
अपनी ग्रेजुएशन के दौरान, विदुषी ने प्रारंभिक तैयारी करने के लिए एनसीईआरटी और अन्य महत्वपूर्ण किताबों को पढ़ना शुरू कर दिया था। इसके बाद विदुषी ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी जैसी मुश्किल परीक्षा को पास कर लिया। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 21 साल थी। आपको बता दें कि विदुषी में यूपीएससी में इकोनोमिक्स को अपने ऑप्शनल विषय के रूप में चुना था।
विदुषी को यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक 13 प्राप्त हुई थी। टॉप रैंक प्राप्त करने के बावजूद उन्होंने आईएएस नहीं बल्कि भारतीय विदेश सेवा (IFS) को चुना। विदुषी के दादा- दादी का सपना था कि वे एक आईएफएस अधिकारी बनें।
यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिए विदुषी ने बहुत सारी टेस्ट सीरीज और मॉक एग्जाम को दिया था। विदुषी की सफलता का पूरा श्रेय उनकी सेल्फ स्टडी को जाता है। विदुषी की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो खुद से पढ़ाई करके यूपीएससी या अन्य किसी प्रतियोगी परीक्षा को पास करना चाहते हैं।