Union Budget 2024 Affordable Housing May Get Booster Doze In Interim Budget After Big Fall In Demand In 2023

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी. वित्त मंत्री कह चुकी हैं कि अंतरिम बजट में सरकार कोई बड़ी घोषणा नहीं करने जा रही है और उसके लिए  जुलाई 2024 में पेश होने वाले पूर्ण बजट का इंतजार करना होगा. लेकिन साल 2023 में जिस प्रकार रियल एस्टेट सेक्टर के हाउसिंग सेगमेंट में अफोर्डेबल हाउसिंग की डिमांड घटी है उसने जरूर सरकार की नींद उड़ा दी होगी. ऐसे में ये अंतरिम बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री पर दबाव बढ़ता जा रहा है. 

घट रही अफोर्डेबल घरों की डिमांड 

हाल के दिनों में जितने भी रियल एस्टेट कंसलटेंट या जानकार हैं उन सभी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि महंगे होम लोन, प्रॉपर्टी की कीमतों में उछाल के चलते 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले अफोर्डेबल घरों की डिमांड कम हुई है. बुधवार 3 जनवरी 2024 को नाइट फ्रैंक इंडिया ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि कुल हाउसिंग सेल्स में 50 लाख रुपये से कम के घरों के सेल्स की हिस्सेदारी 2018 में जहां 54 फीसदी थी वो 2023 में घटकर 30 फीसदी रह गई है. 2022 में 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले जहां 117,131 हाउसिंग यूनिट्स की सेल्स देखने को मिली थी वो 2023 में घटकर 16 फीसदी की गिरावट के साथ 97,983 यूनिट्स रह गई. 

घर खरीदने के लिए मिले प्रोत्साहन 

ऐसे में वे लोग जो अफोर्डेबल घर खरीदने का सपना पाले बैठे हैं उन्हें मोदी सरकार की अंतरिम बजट से बहुत उम्मीदें हैं. वैसे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए 2023 का साल बेहद शानदार रहा है और 2024 भी बेहतरीन रहने की उम्मीद है. लेकिन डिमांड सबसे ज्यादा लग्जरी और प्रीमियम सेगमेंट वाले घरों की है. ऐसे में वित्त मंत्री के बजट से उम्मीद है कि वे अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठायेंगी. होम बायर्स चाहते हैं कि वित्त मंत्री होम लोन लेने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए होम लोन के ब्याज के डिडक्शन लिमिट को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 से 4 लाख रुपये करें. जिससे टैक्स बचाने के लिए लोग घर खरीदने को तवज्जो दें. इनकम टैक्स एक्ट में 80 सी के तहत होम लोन के मूलधन अमाउंट पर मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर कम से कम 2 लाख किया जाना चाहिए.  वित्त मंत्री से अफोर्डेबल हाउसिंग ( Affordable Housing) के दायरे को बढ़ाने की मांग की गई है. जिसमें नॉन-मेट्रो शहरों में 75 लाख रुपये और मेट्रो में 1.50 करोड़ रुपये के घर को अफोर्डोबल हाउसिंग के कैटगरी में शामिल किया जाना चाहिए. 

रियल एस्टेट देता है सबसे ज्यादा रोजगार 

रियल एस्टेट सेक्टर के जानकारों का कहना है कि देश में सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार यही सेक्टर प्रदान करता है. रियल एस्टेट सेक्टर के साथ दूसरी कई सेक्टर जुड़ी है. ऐसे में अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री बजट में ठोस कदम उठायें क्योंकि नई सरकार के बजट पेश होने में छह से सात महीने का समय है. अगर ठोस फैसला नहीं लिया गया तो इसका असर अफोर्डेबल हाउसिंग के सेल्स पर असर 2024 में भी देखने को मिलेगा.  

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