Trailer of ‘Razakar’ released, kangna ranaut, hyderabad genocide based film | ‘रजाकर’ के ट्रेलर लॉन्च इवेंट पर पहुंचीं कंगना: एक्ट्रेस ने जय श्रीराम के नारे लगाए, सरदार वल्लभ भाई पटेल की तुलना भगवान शिव से की

31 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

आज ‘रजाकर’ फिल्म का ट्रेलर लॉन्च इवेंट रखा गया। इस इवेंट के लिए भारतीय जनता पार्टी के मेंबर गुडूर नारायण रेड्डी ने कंगना रनोट को भी इनवाइट किया। इवेंट के दौरान कंगना रनोट ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाते नजर आईं। उन्होंने भारत के महान फ्रीडम फाइटर और डेप्यूटी प्राइम मिनिस्टर सरदार वल्लभ भाई पटेल की तुलना भगवान शिव से की। कंगना ने टुकड़े गैंग के बारे में भी बात की।

कंगना रनोट हाल ही में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने अयोध्या पहुंची थीं।

कंगना रनोट हाल ही में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने अयोध्या पहुंची थीं।

कंगना रनोट ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की तुलना भगवान शिव से की
कंगना ने ट्रेलर लॉन्च इवेंट में कहा- मैंने दो दिन पहले ‘रजाकर’ फिल्म का ट्रेलर देखा और मुझे बहुत अच्छा लगा। हम लोगों ने हमेशा अपनी किताबों में महात्मा गांधी और पंडित नेहरू के बारे में पढ़ा है। लेकिन ऐसे बहुत महान लोग हैं, जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं। जैसे सरदार वल्लभ भाई पटेल। उनकी तुलना भगवान शिव से की जाती है। जिस तरह से भगवान शिव ने सती जी के अंगों को एक-साथ रखा, उसी तरह आजादी के बाद हमारे टूटते हुए भारत को जिस शख्स ने पकड़कर रखा वो वल्लभ भाई पटेल हैं।

भारत की आजादी के 396 दिनों के बाद हैदराबाद को आजादी मिली। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हैदराबाद के निजाम भारत के साथ नहीं जाना चाहते थे। लेकिन वहां की जनता भारत के साथ आना चाहती थी। टुकड़े गैंग क्लेम करती है कि हम टुकड़ों-टुकड़ों में बसने वाले राज्य थे। ऐसे गैंग को इतिहास दिखाने की जरूरत है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत को एक-जुट किया है। इस तरह की फिल्मों का बनना इसलिए जरूरी है ताकि हम अपने देश को ग्रांटेड ना लें और देश के इतिहास को जान सकें।

BJP मेंबर गुडूर नारायण रेड्डी ने इनविटेशन के लिए मुंबई में कंगना रनोट से मुलाकात की थी।

BJP मेंबर गुडूर नारायण रेड्डी ने इनविटेशन के लिए मुंबई में कंगना रनोट से मुलाकात की थी।

ये फिल्म भारत के इतिहास की सच्ची घटनाओं पर आधारित है
फिल्म की कहानी 1948 के हैदराबाद मुक्ति आंदोलन के इर्द-गिर्द घूमती नजर आएगी। फिल्म में गुंडरामपल्ली, पारकाला, भैरनपल्ली गांवों में हुए अत्याचारों को दिखाया जाएगा। ‘रजाकर’ फिल्म हैदराबाद के सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान के शासन के दौरान हिंदुओं के ‘मूक नरसंहार’ के बारे में होगी। इस फिल्म में खासिम रजवी के नेतृत्व में रजाकारों के अत्याचारों का पता चलेगा। याता सत्यनारायण इस फिल्म के राइटर और डायरेक्टर हैं। महेश अचंता, राज अर्जुन और अनसूया भारद्वाज जैसे कलाकार फिल्म में अहम किरदार निभाते नजर आएंगे।

फिल्म का पोस्टर बेहद संवेदनशील है
पिछली बार जब ‘रजाकर’ रिलीज होने वाली थी, तो BRS ने फिल्म के रिलीज को रोक दिया था। आखिरकार 2024 के लोकसभा इलेक्शन से ठीक पहले ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होने को तैयार है। हालांकि खबरों की मानें तो इस फिल्मे में ‘गोर’ की वजह से रिलीज से पहले सेंसर बोर्ड ने कई कट लगाए हैं। फिल्म के पोस्टर में एक युवक को दिखाया गया है। उसके चोटीदार केश, शरीर में जनेऊ धागा और हाथों में चंदन की तीन रेखाएं दर्शाती हैं कि युवक एक हिंदू ब्राह्मण है। इस युवक के शरीर के बीच में छेद कर इसे लटके दिखाया गया है।

'रजाकर' फिल्म का पोस्टर।

‘रजाकर’ फिल्म का पोस्टर।

फिल्म की तुलना ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरला स्टोरी’ से हो रही है
लोगों का ऐसा भी मानना है कि इस फिल्म में मुसलमानों को नकारात्मक रूप से पेश करने की कोशिश की गई है। हालांकि ‘रजाकर’ फिल्म के प्रोड्यूसर ने इस बात पर कहा- मेरी फिल्म इस्लाम या मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। यह एक फिल्म के रूप में इतिहास है।

वहीं क्रिटिक्स का कहना है कि ‘रजाकर’ फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरला स्टोरी’ के नक्शेकदम पर चलती नजर आ रही है। क्रिटिक्स की मानें तो दोनों ही फिल्मों में मुसलमानों को खलनायक के रूप में दिखाया गया था। इस बात पर भी प्रोड्यूसर रेड्डी ने कहा- मुझे फिल्म के प्रमोशन के लिए अपनी राजनीतिक संबद्धता का इस्तेमाल करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। मेरा BJP में होना आकस्मिक है। मैं यही कहूंगा कि यह फिल्म इतिहास को दिखाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *