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जापान में कार निर्माता कंपनी टोयोटा पर जुर्माना लगने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक कंपनी ने फॉर्च्यूनर, इनोवा क्रिस्टा और हिलक्स समेत कई मॉडलों के डीजल इंजन से होने वाले एमिशन मानक नियमों का उल्लंघन किया है। एमिशन नियम तोड़ने पर परिवहन मंत्रालय ने टोयोटा जापान (Toyota Japan) को जांच के दायरे में लिया है। ऑटोमेकर की इंजन-मैन्युफैक्चरिंग ब्रांच, टोयोटा इंडस्ट्रीज ने कई ऑटोमोबाइल और फोर्कलिफ्ट इंजन मॉडलों के प्रदर्शन परीक्षण डेटा के साथ छेड़छाड़ करने की बात स्वीकार की है, जिससे प्रभावित इंजनों के लिए संभावित जुर्माना और सर्टिफिकेशन रद्द किया जा सकता है।
जापान परिवहन मंत्रालय (Japan Transport Ministry) की जांच से पता चला है कि यह मामला गंभीर था। भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसे रोकने के लिए यह कार्रवाई की गई। हालांकि, जुर्माने की सटीक जानकारी अभी तक नहीं पता चल पाई है, लेकिन वर्तमान में फोकस फोर्कलिफ्ट इंजनों पर है। इस गड़बड़ी में वैन और लैंड क्रूजर की पिछली जेनरेशन में उपयोग किए जाने वाले पावरप्लांट भी शामिल हैं।
टोयोटा ने सर्टिफिकेशन अनियमितताओं के कारण 10 विभिन्न वाहन मॉडलों के शिपमेंट को सस्पेंड कर दिया है। कंपनी ने कहा कि उसने अपने फोर्कलिफ्ट में गड़बड़ी को देखने के बाद इंटरनल तरीके से इस समस्या की पुष्टि की, जिसके बाद अन्य डीजल इंजनों की भी जांच शुरू की गई। आंकड़ों की बात करें तो 2020 से लगभग 84,000 वाहन बेचे गए हैं, जिनमें यह समस्या हो सकती है।
टोयोटा ने नए टेस्टिंग प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जापानी सरकार के साथ सहयोग बढ़ाने की योजना बनाई है। अब किसी भी वाहन को सर्टिफिकेशन पाने के लिए इंजन प्रोडक्शन और बिक्री पर जाने से पहले पुन: आवेदन प्रक्रिया से गुजरना होगा। बता दें कि यह समस्या इंजन के पावर बैंड कर्व को प्रभावित करने वाली एक सॉफ्टवेयर गड़बड़ी के कारण उत्पन्न हुई।
भारत में शुरू हुआ शिपमेंट
भारत में कंपनी ने फरवरी की शुरुआत में इनोवा क्रिस्टा, फॉर्च्यूनर और हिलक्स यूटिलिटी वाहनों का शिपमेंट फिर से शुरू कर दिया था। कंपनी के एक बयान में पुष्टि की गई कि डीजल इंजन भारतीय नियमों का अनुपालन करते हैं। परिणामस्वरूप थोड़े समय के अस्थायी निलंबन के बाद इनोवा क्रिस्टा, फॉर्च्यूनर और हिलक्स का प्रेषण फिर से शुरू हो गया है।