Total Solar Eclipse 2024 | 8 अप्रैल का सूर्यग्रहण 57 देशों में दिखाई देगा: तीन देशों में पूर्ण सूर्यग्रहण; भारत में इसका असर नहीं, क्योंकि ग्रहण रात में होगा

वॉशिंगटन3 दिन पहले

  • कॉपी लिंक
तस्वीर ऑस्ट्रेलिया के एक्समाउथ से रिकॉर्ड किए गए सूर्य ग्रहण की है। 11 महीने पहले यहां सूर्यग्रहण लगा था। - Dainik Bhaskar

तस्वीर ऑस्ट्रेलिया के एक्समाउथ से रिकॉर्ड किए गए सूर्य ग्रहण की है। 11 महीने पहले यहां सूर्यग्रहण लगा था।

पूर्ण सूर्यग्रहण 8 अप्रैल, 2024 को लगने जा रहा है। यह सूर्यग्रहण कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको जैसे देशों में दिखेगा। भारत में यह दिखाई नहीं देगा, क्योंकि ग्रहण जब शुरू होगा यहां रात होगी। भारतीय समय के अनुसार ग्रहण रात करीब 9 बजे से रात 2 बजे तक रहेगा।

इस बार सूर्यग्रहण से 1 दिन पहले एक और खगोलीय घटना होने जा रही है। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी से अपने निकटतम पॉइंट, केवल 3,60,000 किलोमीटर दूर होगा। अपनी निकटता के कारण, चंद्रमा आकाश में सामान्य से कुछ बड़ा दिखाई देगा।

3 घंटे से ज्यादा समय तक रहेगा पूर्ण सूर्यग्रहण
पूर्ण सूर्यग्रहण भारतीय समय अनुसार रात 10:08 बजे से 1:25 बजे तक रहेगा। यानी, कुल 3 घंटे, 16 मिनट और 45 सेकंड। दुनिया में अलग-अलग जगहों पर यह अलग-अलग समय पर अलग-अलग ड्यूरेशन के लिए दिखेगा।

  • मैक्सिकों में पूर्ण सूर्यग्रहण: 40 मिनट 43 सेकेंड
  • अमेरिका में पूर्ण सूर्यग्रहण: 67 मिनट 58 सेकेंड
  • कनाडा में पूर्ण सूर्यग्रहण: 34 मिनट 4 सेकेंड
21 अगस्त, 2017 की पूर्ण सूर्य ग्रहण की तस्वीर। बीच में जो काला घेरा है वही चंद्रमा है। इसने सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक आने से रोक दिया है।

21 अगस्त, 2017 की पूर्ण सूर्य ग्रहण की तस्वीर। बीच में जो काला घेरा है वही चंद्रमा है। इसने सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक आने से रोक दिया है।

सूर्यग्रहण में पृथ्वी और सूर्य के बीच चांद आ जाता है
गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से पृथ्वी और सभी दूसरे ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। पृथ्वी सूर्य के चारों ओर 365 दिनों में एक चक्कर लगाती है।

जबकि चंद्रमा एक उपग्रह है, जो पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है। पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर लगाने में चंद्रमा को 27 दिन लगते हैं। चंद्रमा के चक्कर लगाने के दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो सूर्य की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती है। इसे सूर्यग्रहण कहते हैं।

ज्यादातर सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होते हैं, क्योंकि तब चंद्रमा पृथ्वी के करीब होता है। हर 18 महीने में दुनिया के किसी न किसी हिस्से में सूर्य ग्रहण जरूर लगता है।

सूर्यग्रहण देखते हुए क्या-क्या सावधानियां रखना जरूरी है?
भारत में ये सूर्यग्रहण नहीं दिखेगा, लेकिन फिर भी कभी भी आप सूर्यग्रहण को देखें तो इन बातों का खास ख्याल रखें…

  • नग्न आंखों से सूर्यग्रहण न देखें। सूर्य की किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • विशेष तौर पर बने चश्मों का ही प्रयोग करें। साधारण चश्मों से सूर्यग्रहण न देखें।
  • कैमरा, दूरबीन या टेलीस्कोप की मदद से भी इसे देखने की कोशिश न करें।
  • आप पिनहोल प्रोजेक्टर की मदद से सुरक्षित तरीके से सूर्यग्रहण देख सकते हैं।

सूर्यग्रहण भारत में दिखाई देता तो सूतक काल लगता
अगर भारत में ये सूर्यग्रहण दिखाई देता तो सूतक काल लगता, लेकिन ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए न तो यहां सूतक काल मान्य होगा और नहीं धार्मिक आयोजनों में किसी तरह की रुकावट आएगी।

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले से सूतक काल की गणना की जाती है। इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता। इस दौरान खाना बनाना और खाना भी अच्छा नहीं माना जाता। यहां तक कि सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।

खबरें और भी हैं…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *