This fruit found only Rajasthan seen only one month in market

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आयुर्वेद की दृष्टि से एक फल बहुत उपयोगी है. उन्होंने बताया कि साल में केवल तीन महीने ही यह फल खाने का मौका मिलता है. पीलू फल मई, जून और जुलाई में ही मिलते हैं.

हाइलाइट्स

  • पीलू फल केवल राजस्थान में मिलता है.
  • यह फल लू से बचाव और बीमारियों में लाभकारी है.
  • जयपुर मंडी में पीलू फल केवल एक महीने ही मिलता है.

जयपुर:- राजस्थान के रेतीले इलाके में ऐसे अनेकों पौधे पाए जाते हैं, जो केवल राजस्थान की जलवायु में ही मिलता है. ये पौधे मानव शरीर और प्रकृति दोनों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. ऐसा ही एक पौधा है जाल (जाळ), जो आयुर्वेद की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. गर्मी के अंदर इस पेड़ की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है.

इस पेड़ की छांव AC से कम नहीं मानी जाती है. 50 डिग्री के तापमान में भी इस पेड़ की छांव में AC जैसी ठंडक मिलती है. इसके अलावा इस पेड़ पर पीलू नामक फल भी लगते हैं. यह खाने में बहुत टेस्टी होते हैं, इस फल को रेगिस्तान का मेवा भी कहा जाता है.

कई बीमारियों का काल है ये फल
आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने लोकल 18 को बताया कि आयुर्वेद की दृष्टि से यह फल बहुत उपयोगी है. उन्होंने बताया कि साल में केवल तीन महीने ही यह फल खाने का मौका मिलता है. पीलू फल मई, जून और जुलाई में ही मिलते हैं. इसकी विशेषता यह है कि जितनी अधिक गर्मी और तेज़ लू चलेगी, पीलू उतने ही रसीले व मीठे होंगे. डॉक्टर ने बताया कि लू के प्रभाव को कम करने के लिए यह एक रामबाण औषधि मानी जाती है. इसे खाने से शरीर में न केवल पानी की कमी पूरी हो जाती है, बल्कि लू भी नहीं लगती है.

आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कि पीलू का उपयोग घरेलू नुस्खे में भी किया जाता है. इसलिए इसे गुणी औषधि भी कहते हैं. उन्होंने बताया कि पीलू का प्रयोग कर कई रोगों को ठीक किया जा सकता है. पेट के रोग, पथरी, बवासीर और तिल्ली विकार में पीलू का उपयोग कर लाभ पाया जा सकता है. इसी तरह वात्त, पित्त और कफ दोष और सिर दर्द आदि में भी पीलू का प्रयोग लाभदायक होता है.

300 से 400 रुपये प्रति किलो तक होती है कीमत
केवल राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में यह फल मिलता है. इस कारण जयपुर व इसके आसपास के इलाकों में इसकी कीमत 300 से 400 प्रति किलो के हिसाब मिलता है. खास बात यह है कि जयपुर की मंडी में बहुत कम दुकानों पर ही फल देखने को मिलता है. बहुत कम लोगों को इस फल की जानकारी होती है.

बेर और चेरी की तरह दिखने वाला यह फल महंगा होने के कारण बहुत कम लोग इसे खरीदते हैं. खास बात यह है कि यह पल एक रंग का नहीं होता यह पीले, लाल और हरे रंगों का भी होता है. स्वाद और समय के अनुसार इस फल का रंग भी बदलता है. जयपुर मंडी में यह फल पूरी साल में केवल एक महीने ही मिलता है.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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