अंजू प्रजापति/रामपुरःआयुर्वेदिक औषधीय तौर पर उपयोग में लाई जाने वाली गिलोय को आयुर्वेद साहित्य में बुखार की महान औषधि माना गया है. इसका सेवन करने से आपको कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है. आइए जानते हैं गिलोय के क्या फायदे हैं…
गिलोय एक प्रकार की बेल है जो आमतौर पर जगंलों-झाड़ियों में बड़े बड़े पेड़ों पर लिपटी हुई पाई जाती है. अधिकांश लोगों को गिलोय की पहचान सही ढंग से नहीं हो पाती. लेकिन गिलोय की पहचान करना कोई बड़ी बात नहीं, इसकी पत्तियां देखने में पान के पत्तों के जैसी होतीं है और इनका रंग हल्का गाढ़ा हरा होता है. देखा जाए तो आमतौर पर सभी लोग गिलोय को उबाल कर उसका जूस पीते हैं. लेकिन आप चाहें तो गिलोय के पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
गिलोय कई औषधीय गुणों से भरपूर
आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ.मो.इकबाल के मुताबिक गिलोय कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है. ये आपकी सूजन को कम करती है. एंटीबायोटिक होती है. बुखार को कम करती है. साथ ही शुगर के मरीज के लिए बेहद लाभदायक सिद्ध होती है. कैंसर के मरीज के लिए भी इस्तेमाल कर सकते है, क्योंकि यह वायरस से लड़ने और सुरक्षित रखने में किसी की भी मदद कर सकती है.
गिलोय के औषधीय गुण
आयुर्वेद में इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए सबसे अच्छी जड़ी-बूटी गिलोय को माना गया है. नीम के पेड़ पर लगी हुई गिलोय के औषधीय गुण बढ़ जाते है, क्योंकि उसमें नीम की तासीर आ जाती है.डॉक्टर के मुताबिक गिलोय का सेवन 15 दिन तक सुबह शाम कर सकते है. गिलोय को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर उसको एक गिलास पानी मे 30 मिनट तक अच्छे से उबाले और उसको छानकर पी सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 11, 2024, 09:27 IST