धर्मशाला : भारतीय टीम (Indian Test team) ने टेस्ट मैचों (Test Match Record) अपनी हार और जीत का आंकड़ा सुधार लिया है। टीम इंडिया ने धर्मशाला में (Dharmashala Match) खेले गए पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच को जीतकर अपनी हार-जीत के आंकड़े को बराबर कर लिया है।
भारत टीम ने धर्मशाला में खेले गए अपने 579 में मैच में जीत हासिल करके टेस्ट मैचों में जीत का आंकड़ा सुधार लिया है, जिससे अब हार व जीत का आंकड़ा बराबर हो गया है।
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आपको बता दें कि भारत में अब तक कुल 579 मैच खेले हैं, जिसमें भारतीय टीम को 178 मैच में जीत मिली है। वहीं 178 मैचों में हार भी मिली है, जबकि 222 टेस्ट मैच ड्रॉ खत्म हुए हैं। इसके अलावा टीम इंडिया का एक मैच मैच हार जीत के बिना टाई भी हुआ है।
भारतीय टीम के साथ ऐसा पहली बार हुआ है जब टेस्ट मैचों के इतिहास में हार और जीत का आंकड़ा एक बराबर हो गया हो। भारत ने इस तरह से पांच मैच की श्रृंखला 4-1 से जीती। यह ‘बैजबॉल’ शैली अपनाने के बाद इंग्लैंड की सबसे बड़ी हार है।
इंग्लैंड की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 218 रन पर आउट हो गई थी जिसके जवाब में भारत ने 477 रन बनाकर 259 रन की बढ़त हासिल की। इंग्लैंड की टीम अपनी दूसरी पारी में तीसरे दिन दूसरे सत्र में ही 195 रन पर सिमट गई। उसके अधिकतर बल्लेबाजों ने गैर जिम्मेदाराना शॉट खेल कर अपने विकेट इनाम में दिए।
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पहली पारी में चार विकेट लेने वाले अश्विन ने दूसरी पारी में 77 रन देकर पांच विकेट लिए। इंग्लैंड की तरफ से जो रूट ने सर्वाधिक 84 रन बनाए।
भारत श्रृंखला पहले ही अपने नाम कर चुका था लेकिन वह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के महत्वपूर्ण अंक हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध था। भारत के लिए यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उसने यह विराट कोहली और मोहम्मद शमी जैसे सीनियर खिलाड़ियों की गैर मौजूदगी में हासिल की। ऐसे में यशस्वी जयसवाल जैसे खिलाड़ियों ने मौके का पूरा फायदा उठाया।