ऐप पर पढ़ें
राज्य के सभी प्रारंभिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की हाजिरी की रिपोर्ट प्रतिदिन शिक्षा विभाग के कमांड कंट्रोल सेंटर में आएगी। इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजा है। विभाग ने कहा है कि स्कूलों में शिक्षकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चत कराने के लिए यह निर्णय लिया गया है। विभाग के द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि शिक्षकों की हाजिरी उपस्थिति पंजी में दर्ज करने के अलावा नोट कैम एप के माध्यम से फोटो खींचकर सीधे जिला कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा। फिर जिला कार्यालय के माध्यम से इसकी रिपोर्ट विभाग के कमांड कंट्रोल सेंटर में आएगी। पत्र में यह भी कहा गया है कि स्कूल समय से खुलें और सभी छात्र-शिक्षक उपस्थित हों, इसके लिए राज्य और प्रखंड स्तर से नोट कैम एप के माध्यम से निरीक्षण किया जा रहा है। इस दौरान जो भी शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित रहते हैं, उनका उसदिन का वेतन काट लिया जाता है। साथ ही ऐसे शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई के बेहतर परिणाम आये हैं और शिक्षक स्कूल अवधि तक वहां उपस्थित रहते हैं। साथ ही बच्चों की उपस्थिति भी स्कूलों में बढ़ती जा रही है।
स्कूलों में छात्र-शिक्षक उपस्थिति व पठन-पाठन की समीक्षा करेंगे DM
राज्य के सभी जिलाधिकारी माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ महीने में एक बार समीक्षा बैठक अवश्य करेंगे। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किया है। विभाग ने कहा है कि जिलाधिकारी समीक्षा बैठक में छात्र-शिक्षक की उपस्थिति, पढ़ाई में कमजोर बच्चों की विशेष कक्षाएं, कंप्यूटर की पढ़ाई आदि की स्थिति जानेंगे और इसमें सुधार को लेकर आवश्यक पहल करेंगे। विभाग ने जिलाधिकारियों को कहा है कि स्कूलों में पठन-पाठन को दुरुस्त करने, छात्रों की उपस्थिति सुधारने समेत बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी निरंतर मॉनिटरिंग भी आवश्यक है, ताकि सुधार के लिए उठाए गये कदम अपने मुकाम तक पहुंचे। विभाग के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करें। जिला शिक्षा पदाधिकारियों की अनुशंसा के बाद भी शिक्षकों पर नियोजन इकाइयों के द्वारा कार्रवाई नहीं की गयी है। इन मामलों पर भी कार्रवाई सुनिश्चित कराएं। विभाग ने यह भी कहा है कि राज्य के स्कूलों में कमरों और चहारदीवारी के निर्माण और खेल मैदान को विकसित करने का कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहा है। साथ ही स्कूलों की साफ-सफाई निजी एजेंसी के माध्यम से करायी जा रही है। इसकी प्रगति की नियमित समीक्षा करें। सुनिश्चित कराएं कि निर्माण कार्य समय पर पूरा हों। इसके लिए शिक्षा विभाग के अभियंताओं के साथ ही माध्यमिक स्कूलों में विकास कोष और छात्रकोष की खर्च का भी जायजा लें। राज्य के सभी स्कूलों में बेंच-डेस्क की उपलब्धता के लिए 600 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गयी है, इसकी निगरानी करें और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें।