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स्वामी विवेकानंद, भारतीय समाज और धार्मिकता के महान नेता और योगी थे। इनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद ने भारतीय समाज को जागरूक करने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। उनकी ज़िन्दगी में ‘आरोग्य, आत्मविशेषण और आत्मर्पण’ के मूल्य थे। स्वामी विवेकानंद ने विश्व धरोहर पर भारतीय धार्मिकता का प्रसार किया और उन्होंने ‘विश्वधर्ममहासभा’ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के लोगों को एकत्रित करना था।
स्वामी विवेकानंद की विचारशीलता और उनके उत्साहपूर्ण भाषणों ने उन्हें एक अद्वितीय विचारक और आध्यात्मिक नेता बना दिया। उनका योगदान सोचने का और आत्मा का अध्ययन करने का मार्ग प्रशस्त करता है। स्वामी विवेकानंद की जयंती हमें उनके उदाहरण, विचारों और दृष्टिकोण से प्रेरित करती है। आज भी उनकी शिक्षाएं हमें समर्थ, सहानुभूति और एकता की ओर मोड़ने के लिए प्रेरित करती हैं। हम सभी को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके आदर्शों का अनुसरण करने का संकल्प लेना चाहिए।
विवेकानंद जयंती वर्ष भर उत्सव और समर्पण का समय है, जब हम भारतीय संस्कृति और धरोहर के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। स्वामी विवेकानंद, ज्ञानी, और योगी थे, जिन्होंने विश्वभर में भारतीय समृद्धि, सांस्कृतिक समृद्धि और धरोहर की महत्वपूर्णता को बताया। स्वामी विवेकानंद जी ने अपने भाषण में शिक्षा, सामाजिक समरसता और धर्मिक सहिष्णुता की महत्वपूर्णता को उजागर किया। उन्होंने भारतीय युवा को सकारात्मक रूप से कार्यरत और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया।
इनकी शिक्षाएं हमें आत्मनिर्भर बनाने का प्रेरणा स्रोत प्रदान करती हैं। स्वामी विवेकानंद का संदेश आज भी हमें जीवन को सकारात्मकता और सेवा में बिताने के लिए प्रेरित करता है। विवेकानंद जयंती पर हमें यह समझना चाहिए कि उनका आदर्श जीवन और उनकी शिक्षाएं आज भी हमें एक सशक्त, सामाजिक समरसता से भरा भविष्य बनाने के लिए मार्गदर्शन कर रही हैं। इस जयंती पर हम सभी को उनके संदेशों को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए।