Supreme Court To Consider Listing Plea Of Thackeray Faction Against Speaker’s Order – Amar Ujala Hindi News Live

Supreme Court to consider listing plea of Thackeray faction against speaker's order

सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : ANI

विस्तार


वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें



शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मुखिया और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट सोमवार को राजी हो गया। ठाकरे ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के ‘असली शिवसेना’ के फैसले को चुनौती दी है। दरअसल, नार्वेकर ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे वाली शिवसेना को ‘असली शिवसेना’ बताया है।

हम गौर करेंगे: सीजेआई

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता की उस दलील पर गौर किया कि सोमवार को सूचीबद्ध की जाने वाली याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है। 

सीजेआई ने कहा, ‘हम इस पर गौर करेंगे।’

सूचीबद्ध करने का दिया था आदेश 

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर 22 जनवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कुछ अन्य विधायकों से जवाब मांगा था। अदालत ने तब याचिका को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था।

ठाकरे गुट का आरोप

ठाकरे गुट ने आरोप लगाया है कि शिंदे ने असंवैधानिक रूप से सत्ता हथिया ली और असंवैधानिक सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।

यह है मामला

विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका को भी खारिज कर दिया था। 10 जनवरी को अयोग्यता याचिकाओं पर अपने फैसले में स्पीकर ने किसी भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया था।

नार्वेकर ने कहा था कि कोई भी पार्टी नेतृत्व अंदरूनी असंतोष या अनुशासनहीनता को दबाने के लिए संविधान की 10वीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के प्रावधानों का उपयोग नहीं कर सकता है। स्पीकर ने कहा था कि जून 2022 में जब पार्टी विभाजित हुई तो शिंदे समूह को पार्टी के कुल 54 विधायकों में से 37 का समर्थन था। चुनाव आयोग ने 2023 की शुरुआत में शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को ‘शिवसेना’ नाम और ‘धनुष और तीर’ निशाना सौंप दिया था।

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सुनाए गए आदेशों को चुनौती देते हुए ठाकरे गुट ने इसे स्पष्ट रूप से गैरकानूनी और गलत बताया और कहा कि दल-बदल के कृत्य को दंडित करने के बजाय दल-बदलुओं को पुरस्कृत किया गया है। 






Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *