Suit Filed In Us Court Against Chatgpt-maker Openai And Microsoft Over Copyright Clash – Amar Ujala Hindi News Live

Suit filed in US court against ChatGPT-maker OpenAI and Microsoft over Copyright Clash

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– फोटो : सोशल मीडिया

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अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई और इसकी 49 प्रतिशत की हिस्सेदार माइक्रोसॉफ्ट पर बुधवार को मुकदमा दायर किया है। आरोप लगाया कि इन्होंने अखबार की लाखों खबरों और लेखों का मुफ्त उपयोग कर अपने एआई चैटबॉट मॉडल विकसित किए। माना जा रहा है कि इसके लिए हजारों करोड़ रुपये का दावा किया जा सकता है।

ओपनएआई के खिलाफ अमेरिका में पहली बार एक बड़े अखबार ने यह कॉपीराइट मुकदमा मैनहैटन की संघीय अदालत में किया है। अखबार ने बताया कि वह भारी निवेश कर पाठकों के लिए सामग्री तैयार करता है लेकिन ओपनएआई और माइक्रोसॉफ्ट इसका मुफ्त इस्तेमाल कर मुनाफा कमा रहे हैं। साथ ही अखबार से पाठकों को भी दूर भी ले जाया जा रहा है। 172 साल पुराने अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने यह भी बताया है कि मुकदमा न करने और बचाव पक्ष के साथ आपसी फायदेमंद समझौता करने के लिए जारी बातचीत असफल रही है।

बचाव में दोनों ने ये दी दलीलें

  • ओपनएआई और माइक्रोसॉफ्ट ने दावे किए थे कि वे कॉपीराइट सामग्री से अपने एआई उत्पादों को प्रशिक्षित करने के लिए न्यायोचित कानूनी नीति का पालन कर रहे हैं। इसके तहत कॉपीराइट सामग्री का बिना लाइसेंस भी उपयोग हो सकता है।
  • ताजा मुकदमे पर ओपनएआई ने कहा कि वह सामग्री के सृजनकारों और उसके मालिकों का सम्मान करती है। इस मामले में भी न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ अच्छी बातचीत चल रही थी। यह मुकदमा हैरान व निराश करने वाला है। माइक्रोसॉफ्ट ने कोई जवाब नहीं दिया है।

8,000 करोड़ डॉलर की कंपनी बन चुकी है ओपनएआई  

एआई चैटबॉट मॉडल के प्रशिक्षण के लिए एआई कंपनियां ऑनलाइन सामग्री को लगातार खरोंचती रहती हैं। इससे वे लगातार बढ़ रही हैं, हजारों करोड़ डॉलर के निवेश भी पा रही हैं। ओपनएआई का भी बाजार मूल्य 8,000 करोड़ डॉलर से अधिक हो चुका है।

कॉपीराइट से बचने को उत्पाद बदल रही कंपनी  

जॉर्जिया तकनीकी विश्वविद्यालय में व्यापारिक कानून व आचार नीति के विशेषज्ञ प्रो. देवन देसाई ने बताया कि कॉपीराइट के लिए ओपनएआई की जिम्मेदारी तय करने में सबसे बड़ी समस्या यही है कि वह अपने उत्पाद में बदलाव कर देती है। खासतौर पर कॉपीराइट विवाद उठने के बाद, इसी वजह से अदालत कह सकती है कि उसके खिलाफ व्यापक आर्थिक जवाबदेही बनती ही नहीं है।

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