Success Story interesting is the story of young farmer Anushka from Uttar Pradesh. – News18 हिंदी

अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. लड़कियां जब पुरुष प्रधान माने जाने वाले किसी क्षेत्र में कदम रखती हैं तो लोगों को लगता है कि असफल हो जाएंगी लेकिन जब वो सफल हो जाती हैं तो उनके पीछे लोगों का काफिला चलने लगता है. ऐसा ही कुछ हुआ उत्तर प्रदेश की युवा किसान अनुष्का जायसवाल के साथ, उन्होंने 23 साल की उम्र में खेती की शुरुआत की और अब वह 27 साल की हैं. वह 4 साल में 22 लाख से ज्यादा का मुनाफा कमा चुकी हैं.

लखनऊ की रहने वाली अनुष्का जायसवाल से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि खेती के क्षेत्र में अपना सफर तीन साल पहले शुरू किया था. दिल्ली के द हिंदू कॉलेज से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की. इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ना चाहती थी इसलिए कुछ अलग करने की सोच रखी थी. खेती करने के बारे में सबसे पहले माता-पिता से बात की. माता-पिता ने कहा अगर इसी में आगे बढ़ना है तो इसी क्षेत्र को चुन लो. फिर क्या था सरकार की ओर से अनुष्का को इस काम के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी भी मिल गई जहां से उन्होंने एक एकड़ में पॉली हाउस की शुरुआत की. अब 3 एकड़ जमीन और लेकर खेती कर रही हैं, जहां पर शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, फूल गोभी के साथ ही तमाम सब्जियां हैं. इससे भी उन्हें काफी मुनाफा हो रहा है.

लड़की होकर खेती कैसे करेगी
इनका खेत लखनऊ से कुछ ही किलोमीटर दूर मोहनलालगंज में है. अनुष्का जायसवाल ने बताया कि जब उन्होंने इस क्षेत्र को चुना तो लोगों का कहना था कि कोई भी मुनाफा नहीं होगा. घाटे का सौदा है. लड़की होकर खेती कैसे करेगी. धूप में कैसे काम करेगी. मजदूरों के साथ कैसा व्यवहार कर पाएगी. तमाम तरह की बातें लोगों ने कहीं. इन सब के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और सिर्फ 4 साल में ही 22 लाख रुपए से ज्यादा का मुनाफा कमा लिया.

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इस तरह हुआ मुनाफा
अनुष्का जायसवाल ने बताया कि उनके पास पुश्तैनी कुछ भी नहीं था क्योंकि परिवार का बैकग्राउंड किसान खेती का नहीं है. भाई पायलट हैं. बहन वकील हैं. भाभी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. पिता अपना व्यापार करते हैं और मां हाउसवाइफ हैं. ऐसे में लीज पर पहले एक एकड़ जमीन ली. फिर तीन एकड़ ली. उसके बाद ट्रेनिंग लेकर खेती शुरुआत की. जिसके बाद अपने मजदूरों को भी ट्रेनिंग दी. ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया. उसी के जरिए इन्होंने समझा कि कम जमीन पर भी कैसे ज्यादा उत्पादन किया जा सकता है. आलम यह रहा कि एक एकड़ में ही इंग्लिश ककड़ी का 50 टन उत्पादन हुआ. जबकि लाल पीली बेल मिर्च 35 टन की फसल हुई. यही नहीं शिमला मिर्च का दाम मार्केट भी अच्छा चल रहा है. लखनऊ की सभी मंडियों और कई बड़े शॉपिंग मॉल में भी उनके खेत पर उगी हुई सब्जियां जा रही है. इसलिए लगातार मुनाफा हो रहा है.

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