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Success Story: बेटा हो तो आनंद जैसा…मां-बाप की सेवा के लिए छोड़ी बैंक की नौकरी, सब्जियों की खेती से कर रहा तगड़ी कमाई

Success Story: बेटा हो तो आनंद जैसा…मां-बाप की सेवा के लिए छोड़ी बैंक की नौकरी, सब्जियों की खेती से कर रहा तगड़ी कमाई

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Success Story: बिहार में वैशाली जिले के आनंद प्रकाश ने बैंक की नौकरी छोड़ खेती में सुनहरा भविष्य देखा. उन्होंने 100 सेब के पेड़ लगाए, जिनसे 4-5 हजार रुपये प्रति पेड़ कमाई का अनुमान है. महोगनी के पेड़ भी लगाए है…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • आनंद प्रकाश ने बैंक की नौकरी छोड़ सेब की खेती शुरू की.
  • 100 सेब के पेड़ लगाए, प्रति पेड़ 4-5 हजार रुपये कमाई का अनुमान.
  • महोगनी के पेड़ भी लगाए, जिनकी कीमत डेढ़ लाख रुपये तक है.

वैशाली: बिहार में वैशाली जिला खेती में नए-नए प्रयोगों के लिए काफी मशहूर है. वहीं, अब वैशाली जिले में सेब की खेती भी हो रही है. यहां सेब की खेती करने वाले काफी युवा हैं, जो कभी देश की राजधानी दिल्ली में एक प्राइवेट बैंक में एक मैनेजर पद पर कार्यरत थे, लेकिन जब उनके माता-पिता  बुजुर्ग हुए. तब बेटे ने बैंक की जॉब छोड़ कर घर वापसी का मन बनाया और 2021 में उन्होंने खेती में ही अपना सुनहरा भविष्य देखा.

फलों और सब्जियों की कर रहे हैं खेती

वैशाली जिले के राजापाकड़ प्रखंड के बैकुंठपुर गांव निवासी आनंद प्रकाश पिछले 5 साल के दौरान अपनी पुश्तैनी जमीन पर सेब सहित अन्य फलों और सब्जियों की खेती कर रहे हैं. वे कहते हैं कि खेती से अच्छी कमाई हो सकती है. बशर्ते इसे दिल से किया जाए. बचपन से ही उनका खेती के प्रति लगाव रहा है. भले ही बेहतर भविष्य की तलाश में उन्होंने देश-विदेश की यात्रा की, लेकिन समय के साथ माता-पिता की तबीयत बिगड़ने की वजह से उन्हें सब कुछ छोड़कर गांव लौटना पड़ा.

सेब के लगाए हैं 100 पौधे

बता दें कि 5 साल पहले उन्होंने करीब 100 सेब के पेड़ साढ़े 3 एकड़ क्षेत्र में लगाए थे, जिनमें इस साल से करीब 60 पेड़ों में फल आना शुरू हाे गया हैं. इस साल के बाद उनका अनुमान है कि एक सेब के पेड़ से करीब 4-5 हजार रुपये की कमाई आसानी से होगी. इसके साथ ही आने वाले 20-25 सालों के दौरान इसी जमीन से करोड़ों की कमाई हो सकती है.

इसके लिए आनंद प्रकाश ने 200 महोगनी के पेड़ लगाए हैं, जिनमें से कई पेड़ों की कीमत अभी लगभग डेढ़ लाख रुपये है. वह हरमन 99 नस्ल के सेब की खेती कर रहे हैं. जिसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका फल जून और जुलाई में तैयार होता है. जबकि उस समय हिमाचल प्रदेश और कश्मीर के सेब बाजार में नहीं होते हैं.

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बेटा हो तो आनंद जैसा…मां-बाप की सेवा के लिए छोड़ी बैंक मैनेजर की नौकरी

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