Strongest solar storm hits Earth since 2017 | 2017 के बाद से सबसे मजबूत सौर-तूफान पृथ्वी से टकराया: इसमें रेडियो सिग्नल और इलेक्ट्रिसिटी को प्रभावित करने की ताकत, ध्रुव बदलने वाला है सूरज

नई दिल्ली8 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

सूरज ने 23 मार्च को सुबह 7:15 बजे (IST) पृथ्वी की ओर सुपर-हॉट प्लाज्मा की बौछार छोड़ी। इसे कोरोनल मास इजेक्शन कहते हैं। 24 मार्च को शाम 8:07 बजे ये हमारी पृथ्वी से टकराया।

इससे एक गंभीर G4 क्लास का भू-चुंबकीय तूफान आया, जो 2017 के बाद से सबसे मजबूत सौर तूफान है। ये तूफान हमारे नेविगेशन, संचार और रेडियो सिग्नलों को प्रभावित कर सकते हैं।

G1 तूफान सबसे कमजोर और G5 तूफान सबसे गंभीर
यूएस नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) भू-चुंबकीय तूफानों को G1 से G5 तक के स्केल पर रैंक करता है। G1 को छोटे तूफान के रूप में वर्णित किया गया है। G5 को सबसे गंभीर माना गया है।

  • G1 तूफान से ध्रुवों के आसपास ऑरोरल एक्टिविटी बढ़ जाती है।
  • पावर सप्लाई में मामूली उतार-चढ़ाव का कारण भी बन सकता है।
  • G5 से कई घंटों तक हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो ब्लैकआउट हो सकता है।
  • कम्युनिकेशन सिस्टम, GPS और इलेक्ट्रीसिटी प्रभावित हो सकती है।

कोरोनल मास इजेक्शन क्या होता है?
NOAA के अनुसार कोरोनल मास इजेक्शन सूर्य से प्लाज्मा और चुंबकीय मैग्नेटिक मटेरियल का विस्फोट है जो 15 से 18 घंटों में पृथ्वी तक पहुंच सकता है। नासा के अनुसार, कोरोनल मास इजेक्शन पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में करेंट बना सकते हैं जो नॉर्थ और साउथ पोल्स पर कण भेजते हैं। जब वे कण ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के साथ संपर्क करते हैं, तो वे नॉर्दन लाइट क्रिएट करते हैं।

सोलर फ्लेयर जब पृथ्वी तक पहुंचते हैं तो मैग्नेटिक फील्ड से टकराने के कारण कुछ इस तरह की रोशनी दिखाई देती है। इसे ऑरोरा कहते हैं।

सोलर फ्लेयर जब पृथ्वी तक पहुंचते हैं तो मैग्नेटिक फील्ड से टकराने के कारण कुछ इस तरह की रोशनी दिखाई देती है। इसे ऑरोरा कहते हैं।

उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों को फ्लिप करने वाला है सूरज
NOAA के अनुसार, हम सोलर साइकिल 25 के पीक के करीब हैं। ये एक 11 साल की अवधि है जिसमें सूरज अपने उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों को फ्लिप करता है। इस समय के दौरान, विभिन्न अंतरिक्ष मौसम की घटनाएं घटित हो सकती हैं। इसे सोलर मैक्सिमम भी कहते हैं।

खबरें और भी हैं…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *