मोहन प्रकाश/ सुपौल. अगर आप भी खुद का कारोबार करने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए ही है. हम बात कर रहे हैं बेकरी उद्योग की. यह कारोबार शायद आपको छोटा लगे, लेकिन इससे होने वाली आमदनी जानकार आप भी दंग रह जाएंगे. सुपौल के बनैनिया पंचायत के निवासी उपेन्द्र प्रसाद मंडल ने बताया कि पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद भी उनका बेटा भारत भूषण बेराजगार था. उसे काम नहीं मिल रहा था. जिसके बाद उसे बेकरी उद्योग लगाने का आइडिया दिया. आज उसका बढ़िया काम चल रहा है.
उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ की शुरूआत की, तो मैंने अपने बेटे को सलाह दी कि क्यों भटक रहे हो. बेकरी उद्योग का चयन करो और खुद का बिजनेस शुरू करो. इसके बाद उसने सीएम उद्यमी योजना के तहत लोन के लिए फॉर्म भर दिया. चयन होने के बाद 10 लाख रुपए लोन और खुद के पांच लाख रुपए जमा पूंजी लगाकर सितंबर 2022 में बेकरी उद्योग शुरू किया. उन्होंने बताया कि यहां झारखंड का कारीगर बेकरी बनाता है. इस उद्योग के माध्यम से गांव के 5 युवकों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी दिया है. इसके अलावा 10 अन्य युवकों को भी अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया है.
रोजाना कमा रहे तीन हजार रुपए
वे बताते हैं कि इस कारोबार का संचालन भारत भूषण करता था. बीते दिनों उनका चयन बीपीएससी टीचर में हो गया. जबकि दूसरा बेटा दिग्विजय का बीपीएससी में चयन नहीं हो सका. इस कारण वह बेरोजगार था. अब वहीं इसका संचालन कर रहा है. इसमें हम भी सहयोग कर रहे हैं. उपेंद्र बताते हैं कि उनके बेकरी प्रोडक्ट की डिमांड सुपौल, अररिया और मधुबनी जिले तक है. रोजाना लगभग 40-45 हजार रुपए का कारोबार है. इसमें रोजाना 3 हजार रुपए नेट प्रॉफिट होता है. इस हिसाब से महीने में 90 हजार रुपए का नेट मुनाफा हो रहा है.
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FIRST PUBLISHED : January 24, 2024, 12:14 IST