पुणे: स्कूलों में मध्याह्न भोजन (Mid Day School Meals) में पोषण मानकों को बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने कि भोजन साफ-सफाई से पकाया जाए, महाराष्ट्र (Maharashtra) के सोलापुर (Solapur) में जिला परिषद ने स्कूलों (Zilla Parishad Schools) की रसोई (Kitchen) में आमूलचूल परिवर्तन की शुरुआत की है और इसके लिए 2.5 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। एक अधिकारी ने बताया कि जिला परिषद की ‘अमृत रसोई’ (Amrit Rasoi) पहल यह सुनिश्चित करेगी कि स्कूल की रसोई आवश्यक उपकरणों से लैस हो उसमें डाइनिंग टेबल, वॉटर प्यूरीफायर, गैस सिलेंडर, बर्तन और अन्य सामान हों।
करमाला के प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) मनोज राउत ने कहा कि जिला परिषद के अंतर्गत आने वाले कुल 1500 स्कूल को इस पहल के दायरे में लाया जाएगा करमाला तहसील के 30 से 40 स्कूलों में प्रायोगिक तौर पर इसे लागू किया जा चुका है। सोलापुर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मनीषा अवहले ने स्कूलों के निरीक्षण के दौरान पाया कि रसोइयों की हालत खराब हैं और जिन परिस्थितियों में वहां खाना बनाया जा रहा है वह मानक के अनुरूप नहीं है इसके बाद उन्होंने यह पहल की।
इस ओर दिया जाएगा ध्यान
जिला परिषद ने हाल ही में ‘अमृत रसोई’ परियोजना के लिए 2.5 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। अवहले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया ‘‘ मैंने पाया कि रसोई में आवश्यक बर्तनों, फ्रिज, मिक्सर ग्राइंडर और जल शोधक जैसे बुनियादी उपकरणों की कमी थी।” अवहले ने अधिकारियों के साथ समन्वय बैठकों के दौरान स्कूल की रसोई तक आवश्यक सुविधाएं पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने पंचायत समिति स्तर के अधिकारियों से रसोईघरों में सुधार को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। इस योजना में रसोई क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने पर जोर दिया जाएगा।
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खड़की गांव के प्राथमिक विद्यालय में स्कूल की रसोई को नया रूप दिया गया है। वहां के प्रधानाध्यापक विलास सिराल ने कहा कि पहले फ्रिज के बिना सब्जियों और अंडों को लंबे समय तक रखना चुनौती पूर्ण था। उन्होंने कहा,‘‘ राउत सर और जिला परिषद का आभार। अब हम सब्जियों को लंबे समय तक रख सकते हैं। फ्रिज के अलावा, हमें बर्तन, एप्रन, टोपी, सैनिटाइजर और सफाई सामग्री भी प्रदान की गई है ताकि रसोई साफ-सुथरी रहे।”
(एजेंसी)