Skyroot Rocket Motor Vikram-1 Test Fired Satellite Launch Soon Know More – Amar Ujala Hindi News Live

Skyroot Rocket Motor Vikram-1 test fired Satellite Launch soon know more

स्काईरूट ने मोटर का सफल परीक्षण किया
– फोटो : amar ujala graphics

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अंतरिक्ष जगत के स्टार्ट-अप स्काईरूट ने गुरुवार को विक्रम-1 रॉकेट के चरण-2 का सफल परीक्षण किया। कंपनी को इस साल के अंत में एक उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने की उम्मीद है। कंपनी के मुताबिक विक्रम-1 प्रक्षेपण यान के चरण-2 को कलाम-250 कहा जाता है। यह हाई पावर कार्बन मिश्रित मोटर है जो रॉकेट को वायुमंडलीय चरण से बाहरी अंतरिक्ष में ले जाएगा। कलाम-250 का परीक्षण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में हुआ।

उपग्रह प्रक्षेपण के करीब पहुंचा स्काईरूट

गुरुवार को 85 सेकंड तक चले परीक्षण के बारे में स्काईरूट एयरोस्पेस के सह संस्थापक और सीईओ पवन चंदना ने बताया कि यह भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि विक्रम-1 भारत में निजी क्षेत्र द्वारा डिजाइन और निर्मित अब तक का सबसे बड़ा प्रणोदन सिस्टम है। यह सफल परीक्षण और इसरो में परीक्षण पास करने वाला पहला कार्बन-मिश्रित-निर्मित मोटर है। उन्होंने कहा कि सभी परीक्षण पैरामीटर अपेक्षित सीमा के भीतर हैं। इस कामयाबी के बाद विक्रम-1 रॉकेट की मदद से आगामी कक्षीय प्रक्षेपण की तैयारी हो रही है। हम एक कदम और करीब पहुंच गए हैं।

लगभग नौ महीने पहले तमिलनाडु में एक अन्य इंजन का टेस्ट हुआ था

इससे पहले जुलाई, 2023 में भी इसरो ने अंतरिक्ष जगत के प्राइवेट सेक्टर स्टार्टअप स्काईरूट के रॉकेट इंजन का सफल परीक्षण किया था। तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्पलेक्स (आईपीआरसी) में लिक्विड थ्रस्टर टेस्ट फैसिलिटी (एलटीटीएफ) में परीक्षण के दौरान रमन-2 इंजन का इस्तेमाल किया गया। स्काईरूट ने 820 न्यूटन(समुद्र स्तर) और 1,460 न्यूटन (वैक्युम) बल उत्पन्न करने के लिए इस इंजन को डिजाइन किया है। इंजन में मोनो मिथाइल हाइड्राजीन और नाइ्ट्रोजन टेट्रोक्साइड का प्रणोदक के रूप में उपयोग किया गया है।

निजी तौर पर विकसित रॉकेट की सफल लॉन्चिंग; अब तक 95 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग 

इससे पहले नवंबर 2022 में, स्काईरूट ने निजी तौर पर विकसित रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। यह भारत और दक्षिण एशिया का पहला ऐसा प्रक्षेपण था। अक्तूबर, 2023 में निवेश के रास्ते कंपनी की कुल फंडिंग बढ़कर 95 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है।

किन वैज्ञानिकों ने शुरू किया स्काईरूट

अंतरिक्ष वैज्ञानिक पवन कुमार चांदना और नागा भरत ढाका ने 2018 में इस स्टार्टअप की शुरुआत की थी। हैदराबाद में इसका मुख्यालय है। कंपनी छोटे और मध्यम आकार के अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहनों का डिजाइन और निर्माण करती है। अक्तूबर, 2023 में स्पेसटेक कंपनी- स्काईरूट एयरोस्पेस ने बताया था कि सिंगापुर सरकार के स्वामित्व वाली वैश्विक निवेश कंपनी टेमासेक के नेतृत्व में प्री-सीरीज सी फंडिंग राउंड में उसे 27.5 मिलियन डॉलर हासिल हुए। अंतरिक्ष जगत का यह स्टार्टअप बुनियादी ढांचे के विकास और प्रौद्योगिकी निर्माण की दिशा में काम कर रहा है। कंपनी के मुताबिक नई अधिग्रहित पूंजी का उपयोग उपग्रह लॉन्चिग क्षमता को बढ़ाने में किया जाएगा।




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