Rice Wheat Sugar Export Ban Likely To Hit Export By 4 To 5 Billion Dollar Red Sea Attack Big Threat

India Export: घरेलू बाजार में गेहूं, चावल, चीनी की कीमतों में जारी तेजी पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने इन खाद्य वस्तुओं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दिया है. पर सरकार के इस फैसले का असर भारत के एक्सपोर्ट पर पड़ सकता है. सरकार के इस निर्णय के चलते वित्त 2023-24 के दौरान 4 से 5 बिलियन डॉलर एक्सपोर्ट में कमी रह सकती है. इसके अलावा लाल सागर में ईरान के समर्थन वाले हूती विद्रोहियों के हमले के चलते भी एक्सपोर्ट पर असर पड़ने के आसार हैं. 

घरेलू बाजार में असमान बारिश के चलते गेहूं, चावल और गन्ने के उत्पादन पर असर पड़ा है. जिसके चलते घरेलू बाजार में आटा, से लेकर चावल और चीनी महंगी हुई है. 2024 में लोकसभा चुनाव होना है ऐसे में सरकार ने महंगाई पर कोई भी जोखिम नहीं लेने के चलते गेहूं, चावल चीनी के एक्सपोर्ट पर रोक लगा रखी है. भारत इन खाद्य सामग्रियों का निर्यात भी किया करता था. लेकिन सरकार ने गेहूं, चावल और चीनी के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है जिससे घरेलू बाजार में इन चीजों की उपलब्धता बढ़ाई जा सके. पर सरकार के इस फैसले का असर एक्सपोर्ट अनुमान पर पड़ सकता है. वाणिज्य मंत्रालय के एडिशन सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल ने बताया कि चीनी, चावल और गेहूं के एक्सपोर्ट पर बंदिशों के चलते 4 से 5 बिलियन डॉलर वैल्यू का एक्सपोर्ट कम रह सकता है. 

इन प्रमुख कृषि उत्पादों के एक्पोर्ट पर रोक के बावजूद मौजूदा वित्त वर्ष में भारत का कृषि निर्यात पिछले साल के स्तर 53 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.  पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में देश का कृषि उत्पादों का निर्यात 53 अरब डॉलर रहा था.  राजेश अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ कमोडिटी के एक्सपोर्ट पर पाबंदियां लगाए के बावजूद हम उम्मीद करते हैं कि हम पिछले स्तर तक पहुंच जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार केले जैसे नए उत्पादों और मोटे अनाज से बने मूल्यवर्द्धित उत्पादों को नए वैश्विक गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए निर्यात को प्रोत्साहन दे रही है. अगले तीन सालों में केले का  निर्यात एक अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद हैं. अप्रैल से नवंबर के दौरान फलों एवं सब्जियों, दालों, मांस, डेयरी एवं पॉल्ट्री उत्पादों के निर्यात की वृद्धि दर अच्छी रही है. हालांकि, चावल निर्यात 7.65 फीसदी से घटकर 6.5 अरब डॉलर पर आ गया है. 

लाल सागर में ईरान के समर्थन वाले हूती विद्रोहियों के समुद्री जहाजों पर हमले ने भई भारत सरकार की चिंता बढ़ा दी है. इस हमले का असर अफ्रीका किये जाने एक्सपोर्ट पर पड़ सकता है. भारत सरकार अफ्रीका को एक्सपोर्ट करने के लिए वैकल्पिक रूट पर विचार कर रही है. हालांकि इसके चलते निर्यात किए जाने वाली वस्तुओं की कीमतों में 15 से 20 फीसदी का उछाल आ सकता है. 

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