5 घंटे पहले
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शनिवार को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा हो गई है। इसकी घोषणा करते हुए ज्ञानपीठ चयन समिति ने बताया कि इस साल मशहूर गीतकार और कवि गुलजार और संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को इसके लिए चुना किया गया है। इन दोनों को ही 58वें ज्ञानपीठ समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

कवि कुमार विश्वास ने यह ट्वीट कर गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को बधाई दी।
कवि कुमार विश्वास ने दी बधाई
कवि कुमार विश्वास ने इस मौके पर गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘परमपूज्य तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज को संस्कृत भाषा के लिए व आदरणीय अग्रज श्री गुलजार साहब को उर्दू भाषा के लिए ज्ञानपीठ सम्मान घोषित होने पर मेरे इन दोनों अत्यंत आदरणीयों को सादर अशेष शुभकामनाएं।’
कई अवॉर्ड्स से नवाजे जा चुके हैं गुलजार
गुलजार को हिंदी सिनेमा के महानतम गीतकार और लेखकों में से एक माना जाता है। इससे पहले उन्हें 2002 में उर्दू के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2004 में पद्म भूषण, 2008 में अकेडमी अवॉर्ड, 2010 में ग्रैमी अवॉर्ड और 2013 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा उनके नाम 5 नेशनल अवॉर्ड समेत कई और अवॉर्ड्स भी हैं।

गुलजार ने अपने करियर की शुरुआत बिमल रॉय और ऋषिकेश मुखर्जी जैसे डायरेक्टर्स के साथ की थी। बतौर गीतकार उनकी फिल्म ‘बंदिनी’ थी जो 1963 में रिलीज हुई थी।
क्या है ज्ञानपीठ पुरस्कार
यह भारत का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। इससे सम्मानित होने वाले व्यक्ति को 11 लाख रुपये की धनराशि दी जाती है। इसके अलावा प्रशस्ति पत्र के साथ ही वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा भी दी जाती है।
यह पुरस्कार पहली बार 1965 में मलयालम कवि जी. शंकर कुरुप को उनके कविता संग्रह ओडक्कुझल के लिए दिया गया था।