Ravichandran Ashwin 100th Test; Speaks About IND vs ENG Ranchi Test | 100वें टेस्ट से पहले अश्विन ने बताया: मां ने होश में आकर कहा था- ‘टेस्ट मैच चल रहा है, तुम्हें वापस जाना चाहिए’

धर्मशाला25 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
धर्मशाला टेस्ट की प्री-मैच प्रैक्टिस के दौरान बैटिंग कोच विक्रम राठौर के साथ रविचंद्रन अश्विन। - Dainik Bhaskar

धर्मशाला टेस्ट की प्री-मैच प्रैक्टिस के दौरान बैटिंग कोच विक्रम राठौर के साथ रविचंद्रन अश्विन।

अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपने 100वें टेस्ट से पहले बताया है कि उन्हें ICU (गहन चिकित्सा इकाई) बेड पर लेटी उनकी मां चित्रा रविचंद्रन ने रांची टेस्ट में खेलने के लिए प्रेरित किया था।

37 साल के इस अनुभवी स्पिनर ने क्रिकइन्फो को बताया- ‘जब मैं अस्पताल पहुंचा, तो मेरी मां लगातार होश में आने के बाद बेहोश हो जा रही थी। मुझे वहां देखने के बाद उन्होंने पहली चीज मुझसे पूछी, ‘तुम क्यों आए‘? अगली बार जब वह होश में आई तो उसने कहा, ‘मुझे लगता है कि तुम्हें वापस जाना चाहिए, क्योंकि टेस्ट मैच चल रहा है।’

500 क्लब में शामिल होने के बाद मां के बीमार होने की जानकारी मिली
अश्विन को अनिल कुंबले के बाद 500 टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बनने के कुछ घंटों बाद मां की बीमारी का पता चला। वे राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे मैच के बीच में चेन्नई अपने घर वापस चले गए। फिर रांची टेस्ट से टीम में वापसी की।

अश्विन की मां अचेत हो गई थी और उन्हें अस्पताल के ICU में भर्ती किया गया था। इस ऑफ स्पिनर ने अपने माता-पिता रविचंद्रन और चित्रा के त्याग को भावनात्मक रूप से याद करते हुए कहा कि दोनों ने मुझे क्रिकेटर बनाने के लिए कई कुर्बानियां दी है।

मेरे मैच मुझसे ज्यादा पिता के लिए मायने रखते हैं: अश्विन
अश्विन ने कहा- ‘मेरा पूरा परिवार क्रिकेट और मेरे करियर को सुविधाजनक बनाने के लिए बना है। यह आसान नहीं है। यह उनके लिए बहुत कठिन रहा है। यह उनके लिए भावनात्मक तौर पर काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहा है।

मैं अब 35 साल से अधिक का हूं और मेरे पिता अब भी ऐसे मैच देखते हैं जैसे यह मेरा पहला इंटरनेशनल मैच हो। यह उनके लिए बहुत मायने रखता है। अगर मै तुलना करूं तो मेरे मैच मुझ से ज्यादा उनके लिए मायने रखते है। अश्विन के पिता क्रिकेट के बड़े प्रशंसक है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे TNCA के प्रथम श्रेणी लीग मैचों को देखने के लिए भी मैदान पर मौजूद रहते हैं।

वे मेरे जरिए अपना सपना पूरा कर रहे: अश्विन
अश्विन ने कहा- ‘यह ऐसा था कि मानो वह मेरे जरिए अपना सपना पूरा कर रहे हो। कल्पना कीजिए कि कोई क्रिकेटर बनना चाहता था (लेकिन नहीं बनता)। उसकी शादी हो जाती है, उसका एक बेटा है। और वह अपने बेटे के माध्यम से सपने को जीना चाहता है, और वह मुझे पढ़ाने से लेकर, मेरे सहपाठियों से नोट्स लेने तक, मुझे निजी ट्यूशन में ले जाने तक सब कुछ करते थे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मैं अपनी शिक्षा पूरी करने के साथ-साथ अधिकतम समय क्रिकेट को दे सकूं। किसी अन्य गांव से आने वाली यह महिला (मां) कहती है कि मैं आपका समर्थन करती हूं, क्योंकि आप क्रिकेटर नहीं बन सके। आइए हम अपने बेटे को क्रिकेटर बनने के लिए समर्थन दें।

खबरें और भी हैं…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *