4 घंटे पहले
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संगीत की दुनिया के सरताज उस्ताद राशिद खान का मंगलवार को निधन हो गया। वे 55 साल के थे। उन्होंने कोलकाता के एक निजी अस्पताल में दोपहर 3:45 बजे आखिरी सांस ली। लंबे समय से वे प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे थे।
अस्पताल के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि उस्ताद राशिद खान पर इलाज का अच्छा असर हो रहा था। लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी। उन्हें वेंटिलेटर स्पोर्ट पर रखा गया लेकिन बचाया नहीं जा सका। बीमारी के बावजूद राशिद खान की दिनचर्या में बदलाव नहीं आया था। वे अस्पताल में भी रियाज किया करते थे।

साल 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उस्ताद राशिद खान को पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ था जन्म
उस्ताद राशिद खान का जन्म 1 जुलाई 1968 को उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ था। वे रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते थे। इस घराने के फाउंडर उस्ताद इनायत हुसैन खान थे, जो राशिद के परदादा थे।

साल 2006 में उस्ताद राशिद खान को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने पद्मश्री से सम्मानित किया था।
पंडित भीमसेन जोशी उन्हें भारतीय संगीत का भविष्य कहते थे
राशिद खान ने 11 साल की उम्र में संगीत समारोह में पहली प्रस्तुति दी थी। 14 साल की उम्र में उन्होंने कोलकाता की आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी को जॉइन किया था। उन्हें अपनी गायिकी के अंदाज के लिए जाना जाता था।
कहा जाता है कि पंडित भीमसेन जोशी ने राशिद खान को ‘भारतीय संगीत का भविष्य’ बताया था। बचपन में उस्ताद राशिद खान को संगीत में थोड़ी ही दिलचस्पी थी। उन्हें निसार हुसैन खान और गुलाम मुस्तफा खान से गाने के गुर सीखे।
राशिद खान को साल 2006 में ‘पद्मश्री’ और ‘संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड’ जबकि 2022 में ‘पद्म भूषण’ पुरस्कार से नवाजा गया था।
बॉलीवुड की कई फिल्मों में गाने गाए
उस्ताद राशिद खान ने बॉलीवुड की फिल्मों में भी कई मशहूर गाने गए। उन्होंने साल 2007 में रिलीज हुई फिल्म ‘जब वी मेट’ के पॉपुलर सॉन्ग ‘आओगे जब तुम साजना’ में अपनी आवाज दी थी।
उन्होंने फिल्म ‘किसना: द वॉरियर पोएट’ के गाने काहे उजाड़ी मोरी नींद, तोरे बिना मोहे चैन नहीं, फिल्म ‘माय नेम इज खान’ का अल्लाह ही रहम, फिल्म ‘शादी में जरूर आना’ का तू बनजा गली संग जैसे मशहूर गाने गाए थे।

उस्ताद राशिद खान मूल रूप से यूपी के रहने वाले थे, इसके बावजूद उन्होंने बांग्ला भाषा में भी कई गाने गाए थे।
राजकीय सम्मान से होगा अंतिम संस्कार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा- यह पूरे देश और पूरे संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। मैं बहुत दर्द में हूं क्योंकि मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि राशिद खान अब नहीं रहे।
ममता ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा। उनकी पार्थिव देह रबींद्र सदन में रखी जाएगी। यहां उनके चाहनेवाले उस्ताद को अंतिम अलविदा कह पाएंगे।