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Ramadan 2024: इस्लामिक कैलेंडर का नौवां और सबसे पवित्र महीना रमजान चल रहा है. यह महीना मुसलमानों के लिए नेकी और इबादत का महीना होता है, जोकि बहुत अहमितय रखता है. इस्लाम धर्म से जुड़े लोगों का मानना है कि, माह-ए-रमजान में जन्नत के सभी दरवाजे खोल दिए जाते हैं. इसलिए इस महीने की गई हर दुआ भी पूरी होती है.

रमजान के महीने में दुनियाभर के सभी मुसलमान रोजा रखते हैं. क्योंकि रोजा मुसलमानों के लिए फर्ज है. रमजान के महीने जो बंदे रोजा नहीं रखते इस्लाम में उन्हें गुनाह-ए-कबीरा यानी ऐसा पाप माना जाता है जिसकी कोई माफी नहीं है. अल्लाह ने अपनो बंदों से फरमाया है- रोजा सिर्फ मेरे लिए है और रोजे का इनाम मैं खुद अपने बंदों को दूंगा.

कौन रख सकते हैं रोजा

इस्लाम धर्म के अनुसार जिनकी उम्र 7 साल या उससे अधिक है वो सभी रमजान के महीने में रोजा रख सकते हैं. लेकिन 7 साल के छोटे बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्ति या सफल करने वालों को रोजा न रखने की छूट दी गई है. इन स्थितियों में रोजा न रखने वालों को अल्लाह माफ कर देते हैं.

रोजा से जुड़े जरूरी नियम

रोजा से जुड़े नियमों को लेकर ज्यादातर रोजेदारों के मन में सवाल रहता है कि आखिर जाने-अनजाने में किए इन गलतियों से रोजा टूट सकता है और किनसे नहीं. आइये जानते हैं किन गलतियों से टूट सकता है रोजा-

इन कामों से रोजा होता है मकरूह

  • इस्लाम में कहा गया है कि रोजा केवल भूखा-प्यासा रहना ही नहीं होता है. इसलिए रोजा रखने के दौरान इंसान को ऐसे हर कामों से दूरी बना लेनी चाहिए जो इस्लाम में वर्जित माने जाते हैं.
  • रोजेदारों को रोजा के दौरान खाने-पीने की चीजों से दूरी बनाने के साथ ही गलत बातें कहने और सुनने से भी बचना चाहिए. इस समय ऐसा कोई काम न करें जिससे किसी का अहित हो और ऐसी कोई बात न कहें जिससे किसी का दिल टूटे.
  • कई लोगों को लगता है रोजा के दौरान अगर वो अपने मुंह में गलती से कुछ खाने-पीने की चीजें डाल लें तो उनका रोजा टूट जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं है. रोजा के दौरान अलग भूल से कुछ खा-पी लेते हैं तो इससे रोजा नहीं टूटता है.
  • अधिक गर्मी से बचने के लिए अगर कोई सिर पर पानी डाले को भी रोजा टूटता नहीं होता है. बल्कि रोजा के दौरान आप नहा भी सकते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखें गलती से भी पानी गले से नीचे न जाए.

इन गलतियों से टूट सकता है रोजा

  • रोजा रखने के दौरान नाक, कान या आंखों में डाली जाने वाली दवाई का प्रयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि आंख, कान और नाक का संबंध गले से होता है. जब आप दवाई डालेंगे तो ये गले में पहुंचेगी और इससे आपका रोजा टूट सकता है.
  • रोजा के दौरान अगर रोजेदार गले में नमी लाने के लिए जानबूझ कर थूक निगलता है तो इससे भी रोजा टूट जाता है. लेकिन मुंह के अंदर का थूक गले में ऐसे ही जाए तो इससे रोजा नहीं टूटता है.
  • रोजा के दौरान शारीरिक संबंध बनाने, ध्रूमपान करने, पान चबाने और तंबाकू आदि खाने से भी रोजा टूट जाता है.

रोजा टूटना और मकरूह होने में अंतर

रोजा का टूटना और मकरूह होने में खास अंतर होता है. रोजा का मकरूह होना वह होता है, जिससे रोजा तो माना जाता है कि लेकिन उससे रोजे का पुण्य फल नहीं मिलता है. जैसे रोजा रखने के दौरान गीले कपड़े पहनने, दांत निकलवाने, जानबूझकर मुंह में थूक निकलना, इफ्तार में जल्दी करने आदि जैसे कामों से रोजा टूटता नहीं है, लेकिन रोजा मकरूह हो जाता है.
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