Ram Mandir Ancient Temple Of Lord Ram In Pakistan Built By Hindu King Man Singh

Ram Mandir: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बना है, जिसमें 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. अयोध्या के राम मंदिर की चर्चा चारों तरफ है. वैसे तो देश-दुनिया में राम भगवान के कई मंदिर हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी भगवान राम का एक मंदिर है.

कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण हिंदू राजा द्वारा कराया गया था और यह मंदिर काफी प्राचीन भी है. दावा तो यह भी किया जाता है कि भगवान राम जब वनवास के लिए निकले थे, तब यहां रुके भी थे. चलिए जानते हैं पड़ोसी मुल्क में बने भगवान रामजी के इस मंदिर के बारे में विस्तार से-

पाकिस्तान में कहां है राम मंदिर

पाकिस्तान की राजधारी इस्लामाबाद से नजदीक सैयदपुर में भगवान राम का यह प्राचीन मंदिर है. कहा जाता है कि, बंटवारे के बाद यह मंदिर पाकिस्तान में चली गई. दरअसल भारत-पाकिस्तान बंटवारे से पहले इस्लामाबाद के आसपास बहुत से हिंदू रहते थे. इसलिए इस इलाके में राम मंदिर के साथ ही कई अन्य मंदिर भी हुआ करते थे. लेकिन बात करें सैयदपुर गांव में स्थित राम मंदिर की तो इसे 16वीं सदी में एक हिंदू राजा ने बनवाया था.

किस हिंदू राजा ने पाकिस्तान में बनवाया राम मंदिर

पाकिस्तान के सैयदपुर गांव में प्राचीन राम मंदिर का निर्माण हिंदू राजपूत राजा मानसिंह ने कराया था. कहा जाता है कि राजा मानसिंह ने 1580 में इस राम मंदिर को बनवाया था. बंटवारे से पहले तक यह मंदिर अपनी भव्यता के लिए खूब प्रसिद्ध था. लेकिन बंटवारे के बाद जब अधिकतर हिंदू भारत चले गए तब यह मंदिर धीरे-धीरे खंडहर हो गया. फिर सैयदपुर गांव और राम मंदिर परिसर को सील कर दिया गया. 2008 में इस्लामाबाद की कैपिटल डेवलेपमेंट अथॉरिटी न सैयदपुर को धरोहर गांव मानते हुए इसका पुनर्निमाण शुरू किया और इसी कड़ी में राम मंदिर परिसर का भी रंग-रोगन कार्य हुआ. लेकिन दुखद बात यह है कि मंदिर में अब भगवान की मूर्ति नहीं है और पूजा करने पर भी पाबंदी है.

पाकिस्तान में अन्य प्राचीन मंदिर

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में प्राचीन राम मंदिर के अलावा अन्य कई पुराने और विशाल मंदिर भी हैं. कराची में रामभक्त हनुमान का पंचमुखी हनुमान मंदिर, बलूचिस्तान में हिंगलाज शक्तिपीठ, कटासराज शिव मंदिर, गोरखनाथ का मंदिर, वरुण देव का मंदिर आदि. इनमें से कुछ मंदिरों में भक्त दुनियाभर से दर्शन करने पहुंचते हैं तो कुछ मंदिरों में पूजा पर रोक है.

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