Rajesh Exports founder Success Story: मोहल्ले में चांदी बेचने वाला बना सोने का सौदागर, कई देशों को देते माल

Success Story: वैसे तो भारत सोना आयात करता है लेकिन एक भारतीय कारोबारी गोल्ड के गहने बनाकर पूरी दुनिया को निर्यात करता है. राजेश एक्सपोर्ट के गोल्ड आइट्मस की दुनिया में डिमांड है. 5700 करोड़ की इस कंपनी के मालिक की कहानी, किसी फिल्म स्टोरी से कम नहीं है. कभी लोकल मार्केट और गली-मोहल्लों की दुकानों पर जाकर चांदी के जेवर बेचने वाले राजेश मेहता आज दुनिया के कई देशों को गोल्ड ज्वैलरी बेच रहे हैं. हैरान करने वाली बात तो यह है कि गोल्ड बिजनेस का यह बड़ा कारोबार राजेश मेहता ने महज उधार के 10000 रुपये लेकर शुरू किया था.

राजेश मेहता की जड़े गुजरात से जुड़ी हुई हैं लेकिन उनकी बिजनेस जर्नी शुरू हुई बेंगलुरु से. दरअसल, उनके पिता जसवंतरी मेहता ज्वैलरी बिजनेस के लिए गुजरात से कर्नाटक आए थे. कर्नाटक में पढ़-लिखकर वे भी पिता के साथ उनके बिजनेस में हाथ बंटाने लगे.

पिता से सीखी धंधे की बारीकी

पिता के साथ ज्वैलरी का बिजनेस करते-करते उन्होंने अपने भाई प्रशांत से पिता के व्यवसाय को बढ़ाने का संकल्प लिया. इसके लिए राजेश मेहता ने चांदी का व्यवसाय शुरू किया. हालांकि, इस काम के लिए उन्होंने बिपिन से 8000 रुपये का कर्ज लिया और बैंक से दो हजार रुपये लेकर चांदी के बिजनेस में उतर गए.

चांदी के बिजनेस से सोने तक का सफर

1982 में राजेश मेहता चांदी के बिजनेस में उतरे, शुरुआत में वे चेन्नई से सिल्वर ज्वैलरी खरीदते थे और राजकोट में बेच देते थे. इसके बाद उन्होंने गुजरात में थोक विक्रेताओं को आभूषण बेचना शुरू किया. इस बिजनेस में लगातार मिलती रही कामयाबी से उनका हौसला बढ़ा और उन्होंने बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद में अपने कारोबार का विस्तार किया. इसके बाज राजेश मेहता ने 1990 में गोल्ड ज्वैलरी का काम शुरू किया.

खास बात है कि इसकी शुरुआत भी उन्होंने बड़े छोटे स्तर पर की. राजेश मेहता ने बेंगलुरु में अपने गैरेज में एक सोने के गहनों के निर्माण के लिए यूनिट इकाई शुरू की. इसके बाद उन्होंने दुबई, ओमान, कुवैत, ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देशों में सोने के गहनों का निर्यात करना शुरू कर दिया.

भारत का सबसे बड़ा गोल्ड एक्सपोर्टर

महज 5 सालों में राजेश एक्सपोर्ट्स भारत का सबसे बड़ा गोल्ड ज्वैलरी एक्सपोर्टर और सप्लायर बन गया. इसके एक साल बाद राजेश मेहता अपनी कंपनी का आईपीओ लेकर आ गए. साल 1998 तक राजेश एक्सपोर्ट्स का सालाना टर्नओवर 1200 करोड़ रुपये हो गया. गोल्ड ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग के बाद राजेश मेहता ने शुभ ज्वेलर्स नाम से एक स्टोर खोला, और पूरे कर्नाटक में इसका विस्तार किया.

इतना ही नहीं राजेश एक्सपोर्ट्स ने जुलाई 2015 में स्विस रिफाइनरी Valcambi को खरीद लिया. इसके साथ ही उनके पास स्विट्जरलैंड और भारत में गोल्ड रिफाइनरी हो गई.

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