Rajasthan News: Case Of Recovery Of Cash-gold In Yojana Bhawan; Ed Recorded Statements Of Doit Officers – Amar Ujala Hindi News Live

Rajasthan News: Case of recovery of cash-gold in Yojana Bhawan; ED recorded statements of DOIT officers

योजना भवन में कैश-सोना बरामदगी मामले की ED करेगी जांच
– फोटो : अमर उजाला

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सरकारी लॉकर में कैश और गोल्ड बरामदगी के मामले में राजस्थान के कुछ बड़े अफसर जल्द ED के निशाने पर होंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ED की टीम हाल में इस मामले को लेकर राजस्थान के सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग के दफ्तर भी पहुंची, जहां उसने अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। गौरतलब है कि इसी मामले में ACB ने भी सरकार को पत्र लिखकर सीनियर आईएएस अखिल अरोड़ा के खिलाफ अनुसंधान की अनुमति भी मांग रखी है। लेकिन चार महीने से लंबा समय बीतने के बाद भी राज्य सरकार की तरफ से अब तक इस पर कोई जवाब ACB को नहीं भेजा गया है।

 

ACB के पास मामला, सीबीआई की जरूरत नहीं’

जानकारी के मुताबिक, पिछले साल इस मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की गई थी। इस पर महाधिवक्ता ने सरकारी जवाब में कहा था कि 19 मई को योजना भवन के बेसमेंट में नकदी और सोने के मामले में एसीबी चालान पेश कर चुकी है। इसके बाद जनहित याचिका पेश हुई है। ईडी अपने स्तर पर जांच कर रही है और एसीबी प्रभावी ढंग से जांच कर रही है। ऐसे में सीबीआई जांच का कोई औचित्य नहीं है। जबकि एसीबी को अब सरकार की तरफ से ही अनुसंधान की अनुमति नहीं दी जा रही।

 

सीबीआई जांच की पीआईएल भी लंबित

पब्लिक एगेंस्ट करप्शन के पूर्व सचिव व अधिवक्ता टीएन शर्मा का कहना है कि यह मामले की जांच उनकी शिकायत पर ही शुरू की गई थी। इस मामले में हाईकोर्ट में दायर पीआईएल में उन्होंने भी पार्टी बनने की एप्लीकेशन दायर कर रखी है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में अखिल अरोड़ा तक सभी लोग लिप्त हैं, इसलिए जांच नहीं की जा रही। वीडियो वॉल और ई-मित्र प्लस मशीन मामले में सीबीआई जांच की पीआईएल पहले से लंबित है।

 

कैश और गोल्ड मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर संख्या 125/2023 को आधार मानकर एसीबी ने अखिल अरोड़ा के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति सरकार से मांगी रखी है। इस एफआईआर के आधार पर ED भी इस मामले की जांच करना चाहती है।

 

यह है पूरा मामला

तत्कालीन सरकार में डीओआईटी के ऑफिस के लॉकर में गोल्ड और करोड़ों रुपये का कैश बरामद हुआ था। मामले में डीओआईटी के तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि, वेदप्रकाश यादव की स्वीकारोक्ति के बाद बिना जांच किए चालान पेश कर दिया गया था। ऐसे में अब जांच इस आधार आगे बढ़ सकती है कि ये गोल्ड और कैश कहां से आया?

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