Qatar Dahra Global Case Eight Ex Navy Death Penalty Reduced BJP Claims PM Modi Diplomacy Win Congress Reacts Big Points

Qatar Dahra Global Case: कतर में मौत की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को गुरुवार (28 दिसंबर) को बड़ी राहत देते हुए सजा पर रोक लगा दी. इसको लेकर भारत सरकार ने कहा कि हम आठ लोगों के परिवारों के साथ हमेशा खड़ रहे. वहीं बीजेपी ने इसको मोदी सरकार की जीत बताया तो कांग्रेस ने इसको लेकर खुशी जताई. 

इसे भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि दुबई में कोप 28 से सम्मेलन के इतर पीएम मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ 1 दिसंबर को मुलाकात की थी. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद ये फैसला आया. पीएम मोदी और बिन हमद अल-थानी ने बताया था कि उनके बीच भारतीय समुदाय के कल्याण को लेकर चर्चा हुई. 

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने कहा, ”हमने दहारा ग्लोबल मामले में कतर की अपीलीय अदालत के आज के फैसले पर गौर किया, जिसमें सजा कम कर दी गई है.  हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी परिवार के सदस्यों के साथ आज कोर्ट में मौजूद थे. हम मामले की शुरुआत से उनके साथ खड़े हैं और हम उन्हें सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम इस मामले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाते रहेंगे.’’

बीजेपी ने मोदी सरकार की बताया जीत
बीजेपी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की जीत है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, ”कतर में 8 भारतीय पूर्व नौसेना कर्मियों की मौत की सजा में राहत मिलना देश के पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश नीति के कूटनीतिक प्रयासों की जीत है. इस खबर से एक बार फिर साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी की अगुआई में भारत की विदेश नीति का लोहा पूरा विश्व मानता है.” 

कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस ने भी फैसले पर खुशी जताई. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘‘कतर की अपील अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसैन्य अधिकारियों को मौत की सजा पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है. इस फैसले से पूरा देश राहत महसूस कर रहा है और कांग्रेस भी इसमें शामिल है. हालांकि विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा है, हम आशा व्यक्त करते हैं कि मौत की सजा के बदले दी गई जेल की सजा को रद्द कर दिया जाएगा और अधिकारियों को मुक्त कर दिया जाएगा.’’

किसने क्या कहा?
नौसेना के पूर्व प्रवक्ता डीके शर्मा ने कहा कि ये अच्छी खबर है, लेकिन सिर्फ पहला कदम है. हमारा लक्ष्य आठों भारतीयों को देश वापसी होना चाहिए. ऐसी ही हम उम्मीद कर रहे हैं. विदेश मामलाों के जानकार सुशांत सरीन ने कहा कि कतर जानता है कि वो मौत की सजा नहीं दे सकता.

सरीन ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ”मैं इसको डिप्लोमेटिक जीत नहीं मानता. ये कूटनीति की जीत है. मैं कूटनीति की जीत इस कारण कह रहा क्योंकि भारत सरकार ने तमाम प्रयास किए. कतर की सरकार के साथ एक बातचीत भी हुई. कतर को भी मालूम था कि वो मौत की सजा देता है तो दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित हो सकते थे.” 

मामला क्या है?
कतर में स्थित अल दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी में काम कर रहे आठों भारतीयों को अगस्त में कथित जासूसी के मामले में हिरासत में लिया गया था. सभी को मौत की सजा 26 अक्टूबर में सुनाई गई थी. हालांकि कतर ने आरोपों को लेकर अधिकारिक तौर पर अभी तक कुछ नहीं कहा है. 

इस फैसले पर हैरानी जताते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय में कतर में स्थित कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 

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