निर्देशक विकास बहल को फिल्म ‘शैतान’ की सीक्वल यानी ‘शैतान 2’ के निर्देशन की जिम्मेदारी मिलेगी या नहीं? ये सीक्वल भी किसी क्षेत्रीय भाषा की हॉरर फिल्म की रीमेक होगी या नहीं? सीक्वल में माधवन का किरदार आगे बढ़ेगा या नहीं और क्या इस सीक्वल में अजय देवगन फिर अपने पारिवारिक अवतार में दिखेंगे या नहीं? इन सवालों से बड़ा सवाल हिंदी फिल्म जगत में ये खड़ा हो गया है कि क्या बीते महीने घोषित पीवीआर आइनॉक्स की पासपोर्ट योजना के चलते ही फिल्म ‘शैतान’ ने उम्मीद से कहीं ज्यादा कमाई कर ली है।
करीब 2800 सिनेमाघरों के चार हजार स्क्रीन्स पर देश में और करीब 1200 स्क्रीन्स पर विदेश में रिलीज हुई फिल्म ‘शैतान’ की सक्सेस पार्टी मुंबई में होनी अभी बाकी है। शुरुआती रिपोर्ट्स में पता चला था कि फिल्म का बजट 65 करोड़ रुपये है और इस लिहाज से अगर फिल्म घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 130 करोड़ रुपये सा उससे ऊपर कमा लेती है तो फिल्म हिट का तमगा पा जाएगी। लेकिन, बाद में आए आंकड़े ये बताते हैं कि फिल्म की मूल लागत 65 करोड़ रुपये रही और इसके प्रचार व सिनेमाघरों में प्रसार पर करीब 35 करोड़ रुपये और खर्च हुए हैं। यानी फिल्म की रिलीज लागत रही 100 करोड़ रुपये और इसे हिट का तमगा पाने के लिए कमाने चाहिए कम से कम 200 करोड़ रुपये।
इस बीच, अब तक यही माना जा रहा था कि फिल्म ‘शैतान’ का कलेक्शन पूरी तरह पाक साफ है और इसमें किसी तरह की ‘सेटिंग’ शामिल नहीं है। लेकिन पीवीआर आइनॉक्स की एक रिलीज बताती है कि उन्होंने बीते महीने जो अपनी ‘पासपोर्ट योजना’ लागू की थी, उसकी सबसे ज्यादा बिक्री साउथ में हुई और कोई साढ़े तीन सौ के इस कूपन को लेकर सबसे ज्यादा जो फिल्म लोगों ने देखी वह रही ‘शैतान’। मतलब कि एक ही कूपन पर चार लोग चार अलग अलग शो में जाकर ‘शैतान’ देख रहे हों, तो बड़ी बात नहीं।
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