नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: दुनिया में कई दिन किसी न किसी विषय के लिए मनाया जाता है इसलिए आज का दिन 26 मार्च बैंगनी दिवस यानी Purple Day 2024 मनाया जा रहा हैं। इस दिन को मिर्गी (Epilepsy) के प्रति जागरूकता के लिए मनाया जाता है। बता दें, न्यूरोलॉजिकल रोग दुनिया भर में लगभग 50 मिलियन लोगों और संयुक्त राज्य अमेरिका में 3.5 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है।
जानिए क्या हैं पर्पल डे का इतिहास
पर्पल डे का इतिहास पुराना है इसकी स्थापना 2008 में नोवा स्कोटिया, कनाडा की नौ वर्षीय कैसिडी मेगन ने की थी। जिनका संबंध मिर्गी की बीमारी से था तो वही कैसिडी को बहुत छोटी उम्र में ही उन लोगों के संघर्षों के बारे में सीखना पड़ा, जिन्हें तंत्रिका संबंधी विकार के साथ रहना पड़ता है।मैरीटाइम्स की एपिलेप्सी एसोसिएशन ने उसके स्कूल में बात की और उसे कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया। वही पर मिर्गी अभियान के लिए पहला पर्पल डे 26 मार्च 2008 को था।
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जानिए क्या है मिर्गी की बीमारी
यहां पर इस बीमारी मिर्गी की बात करे तो मिर्गी एक तंत्रिका संबंधी विकार है जो मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे बार-बार दौरे पड़ते हैं जो लंबाई और गंभीरता में भिन्न हो सकते हैं। मिर्गी के चार मुख्य प्रकार होते हैं, प्रत्येक के कई कारण होते हैं, और प्रत्येक के परिणामस्वरूप अलग-अलग स्तर के दौरे पड़ सकते हैं।
किसी भी उम्र में होती है बीमारी
आपको बताते चले, मिर्गी की यह बीमारी किसी भी उम्र में होती है जो चौथा सबसे आम तंत्रिका संबंधी विकार है। यह अत्यधिक उपचार योग्य भी है, और मिर्गी से पीड़ित 70% लोग केवल दवा की मदद से दौरे से मुक्त हो सकते हैं। मिर्गी से पीड़ित 30% लोगों के लिए जिन पर दवा का असर नहीं होता, उनके लिए अन्य प्रभावी उपचार से इलाज किया जाता हैं।