निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा अपनी ‘दामुल’ और ‘मृत्युदंड’ जैसी फिल्मों से भारतीय सिनेमा को एक अलग ही दिशा में लेकर गए। इन फिल्मों के जरिए उन्होंने महिलाओं के उत्पीड़न और उनकी आवाज को पर्दे पर बहुत ही गहराई के साथ प्रस्तुत किया है। प्रकाश झा ने ज्यादातर सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर फिल्में बनाई हैं और उसमें उन्हें सफलता भी मिली। 27 फरवरी 1952 को जन्मे प्रकाश झा के जन्मदिन पर आइये जानते हैं उनकी फिल्मों के महिला किरदारों के बारे में..
फिल्म: दामुल (31 दिसंबर 1984)
किरदार: पुजारिन
प्रकाश झा की फिल्म ‘दामुल’ में दीप्ति नवल ने एक ऐसी विधवा पुजारिन की भूमिका निभाई थी जो जमींदार मोहन सिंह की रखैल है। जब जब गर्भ ठहरता है, पुजारिन गर्भ गिराने काशी चली जाती है। बाद में वही पुजारिन जमींदार के शोषण के खिलाफ आवाज उठाती है। यहां दीप्ति नवल का अभिनय अंगार बन जाता है। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। फिल्म की रिलीज के बाद दीप्ति नवल और प्रकाश झा ने साल 1985 में शादी कर ली।
मृत्युदंड (11 जुलाई 1997)
किरदार : चंद्रावती
फिल्म ‘मृत्युदंड’ की कहानी तीन बहादुर महिलाओं के बारे में है जो अपने जीवन में दबंग पुरुषों और उस दमनकारी व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करती हैं। इन तीन महिलाओं में से एक महिला का किरादर शबाना आजमी ने निभाया था। फिल्म में चंद्रावती के किरदार के लिए शबाना आजमी को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का स्क्रीन अवॉर्ड मिला था। प्रकाश झा की फिल्म ‘आरक्षण’ को लेकर जब बवाल हुआ तो शबाना आजमी ने प्रकाश झा का पक्ष लेते हुए अपनी बात कही थी। शबाना आजमी ने कहा था, ‘फिल्म को प्रदर्शित करने का अंतिम फैसला सेंसर बोर्ड करता है और जब उसने फिल्म को हरी झंडी दे दी तो उसका विरोध क्यों किया जा रहा है। फिल्म को रोकना यानी सेंसर के खिलाफ जाना है जो बिल्कुल भी सही नहीं है।’
मृत्युदंड (11 जुलाई 1997)
किरदार : केतकी सिंह
फिल्म ‘मृत्युदंड’ में अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने केतकी सिंह की भूमिका निभाई थी। इस किरदार में न सिर्फ उनकी जमकर तारीफ हुई बल्कि इस किरदार के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का स्क्रीन अवॉर्ड मिला था। इस फिल्म के रिलीज के समय एक इंटरव्यू के दौरान माधुरी दीक्षित ने कहा था, ‘जब मैंने फिल्म ‘मृत्युदंड’ साइन की थी तब उन्हें कई लोगों ने मुझे फिल्म को न करने का सुझाव दिया था। लोगों का कहना था कि मैं इस तरह की ऑफबीट फिल्मों के लिए नहीं बल्कि मसाला फिल्मों के लिए बनी हूं। लेकिन सबके मना करने के बाद भी मैंने इसे चैलेंज के रूप में लिया।’
दिल क्या करे ( 24 सितंबर 1999 )
किरादर : कविता किशोर
फिल्म ‘दिल क्या करे’ में अभिनेत्री महिमा चौधरी ने अजय देवगन की पत्नी कविता किशोर की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान एक घटना का जिक्र करते हुए महिमा चौधरी आज भी सहम जाती हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान महिमा चौधरी ने इस फिल्म की शूटिंग के दौरान एक घटना का जिक्र किया। वह बताती हैं, ‘फिल्म की शूटिंग के लिए निकलते वक्त बेंगलुरु में एक ट्रक ने मेरी कार को जोरदार टक्कर मार दी थी। झटका इतना तेज था कि मेरी कार की हालत बिगड़ गई, गाड़ी में लगा कांच टूटा और मेरे चेहरे में उसके टुकड़े जा घुसे। मैं दर्द से तड़प रही थी, मुझे हॉस्पिटल ले जाया गया जहां मेरी मां और अजय पहुंचे थे। जब मुझे होश आया तो मैंने उन दोनों को आपस में कुछ बात करते हुए देखा, उसके बाद जब मैंने अपना चेहरा शीशे में देखा तो मैं डर गई। मेरे चेहरे में कांच के 67 टुकड़े थे जिन्हें निकाला गया और चेहरे की सर्जरी की गई।’