People working in BCCI have more luxury than those in government jobs know the salary

जब भी देश में अच्छी सैलरी की बात होती है तो लोगों के दिमाग में आईएएस, आईपीएस या बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों की नौकरियां आती हैं. लेकिन एक ऐसी जगह है जहां काम तो प्राइवेट सेक्टर जैसा होता है, मगर ठाठ और कमाई किसी भी सरकारी नौकरी से कई गुना ज्यादा होती है. हम बात कर रहे हैं बीसीसीआई यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की. दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड माने जाने वाली बीसीसीआई में काम करने वालों की सैलरी और सुविधाएं सुनकर आम नौकरीपेशा लोग हैरान रह जाते हैं.

सरकारी नौकरी से कई ज्यादा ठाठ में रहते हैं BCCI के कर्मचारी

बीसीसीआई पूरी तरह से प्राइवेट बॉडी है. इसका कोई सरकारी नियंत्रण नहीं है. हालांकि सरकार का खेल मंत्रालय अप्रत्यक्ष तरीके से इसमें भूमिका निभाता है. बावजूद इसके इसका बजट कई राज्यों की सरकारों के सालाना बजट से भी ज्यादा होता है. इसका सीधा असर यहां काम करने वालों की सैलरी पर भी दिखता है. बीसीसीआई के बड़े पदों पर बैठे अफसरों की सैलरी करोड़ों में होती है. बोर्ड के सेक्रेटरी, प्रेसिडेंट, सीईओ और दूसरे टॉप ऑफिसर्स को सालाना करोड़ों रुपये दिए जाते हैं. उदाहरण के तौर पर बीसीसीआई के मौजूदा सेक्रेटरी की सैलरी और पावर की चर्चा तो हर जगह होती है.

इतना मिलता है वेतन

यहां सिर्फ बड़े अफसर ही नहीं, बल्कि अलग-अलग डिपार्टमेंट में काम करने वाले लोग भी मोटी सैलरी पाते हैं. मीडिया मैनेजमेंट, इवेंट मैनेजमेंट, लीगल डिपार्टमेंट, मार्केटिंग, ब्रॉडकास्टिंग राइट्स और अकाउंट्स सेक्शन के कर्मचारियों को भी लाखों रुपये महीने मिलते हैं. यहां का स्ट्रक्चर कुछ ऐसा है कि अगर आप किसी महत्वपूर्ण विभाग में सीनियर पोजीशन पर हैं तो सालाना 50 लाख से लेकर 2 करोड़ रुपये तक आराम से कमा सकते हैं.

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ये सुविधाएं अलग से देता है BCCI

बीसीसीआई में काम करने वालों को सिर्फ सैलरी ही नहीं, बल्कि कई तरह की दूसरी सुविधाएं भी मिलती हैं. पांच सितारा होटलों में रहना, बिजनेस क्लास में सफर करना, हर टूर्नामेंट में वीआईपी ट्रीटमेंट, बड़े-बड़े क्रिकेटर्स और सेलेब्रिटीज से मेल-जोल — ये सब यहां की नौकरी को और भी खास बना देते हैं.

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