Pariksha Pe Charcha: Know 10 special things to learn from Pariksha Pe Charcha ppc 2024 program – Pariksha Pe Charcha : जानिए परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम से सीखने योग्य 10 खास बातें, Education News

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चर्चित ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस साल 7वें सत्र की परीक्षा पे चर्चा थी जिसमें देशभर के लाखों छात्रों ने लाइव कार्यकम के जरिए जुड़े और करोड़ो छात्रों ने इस कार्यक्रम को देशभर में देखा। कार्यक्रम का उद्देश्य में परीक्षा को लेकर छात्रों व उनके अभिभावकों को होने वाले तनाव को कम करना और छात्रों के बीच एक सकारात्मक नजरिया विकसित करना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम में कई छात्रों ने अपने प्रश्न व दुविधाएं सामने रखीं जिनका प्रधानमंत्री मोदी ने बखूबी जवाब दिया। साथ ही उन्होंने रोजमर्रा के जीवन से कई जुड़े दिलचस्प उदाहरणों से छात्रों को तक अपनी बात पहुंचाई। ‘परीक्षा पे चर्चा’ (PPC 2024) कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी से छात्रों के प्रश्न व उनके जवाबों से कई ऐसी बातें भी निकलकर सामने आईं जो सिर्फ छात्र ही आम इंसान भी अपने जीवन में अपनाकर कुछ बेहतर का अनुभव कर सकता है। तो आइए जानते हैं पीपीसी 2024 से सीखने लायक 10 खास बातें-

1- शरीर को भी रिचार्ज करना जरूरी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि जिस प्रकार से मोबाइल की बैटरी खत्म हो जाती है तो उसे रीचार्ज करना पड़ा है, इसी तरह से शरीर को भी रीचार्ज करना होता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। बोर्ड परीक्षाएं हों या कुछ और पढ़ाई के दौरान नींद का महत्व कम न समझें, छात्र पर्याप्त नींद लें। साथ ही कुछ देर धूप में रहने को समय निकालें। संतुलित आहार लें। नियमित व्यायाम के लिए समय निकालें।

2- परीक्षा के दौरान तनाव को ऐसे हैंडल करें:

परीक्षा के दिन को आम दिन की तरह ही करें। इस दौरान कुछ एक्स्ट्रा करने की सोचने पर ही तनाव बढ़ता है। परीक्षा से पहले इसके लिए टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें। पहले से ही मॉडल प्रश्न हल करें और देखें कि किसी प्रकार से पूरे पेपर को समय पर हल किया जा सकता है। नियमित अभ्यास आप इसे कर पाएंगे और परीक्षा दौरान होने वाले तनाव से बचेंगे।

3- करियर या विषय चयन की दुविधा ऐसे दूर करें:

प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों के करियर चयन में दबाव से जुड़े प्रश्न पर कहा, “मैं समझता हूं कि आप कन्फ्यूजन में नहीं हैं। आपको अपने अंदर विश्ववास की कमी है।” जब आप अपने ऊपर भरोसा करेंगे तो कोई काम या विषय लेंगे उसे ठीक ढंग से बिना किसी दबाव के पूरा करेंगे। किसी भी विषय पर 50 लोगों की सलाह लेने के बजाय खुद ही विषय के सभी पहलुओं को तराजू पर तौलें, उसकी हर बारीकी के बारे में जानकारी लें। इसके बाद निर्णय लें और निर्णायक बनें।

4-  घर पैरेंट्स व बच्चों के बीच एक भरोसे का महौल विकसित होना चाहिए। पैरेंट्स व बच्चे हर बात एक-दूसरे के साथ शेयर करें साथ ही बातचीत करने के तरीके में भी सुधार करें।

5- सोशल मीडिया व गैजेट्स के लिए भी एक समय सीमा निर्धारित करें। जैसे ज्यादा खाने से उल्टी शुरू हो जाती है उसी प्रकार से सोशल मीडिया का अति इस्तेमाल भी नुकसान देह है, घर में कुछ नियम हों, नो गैजेट जोन भी बना सकते हैं। सकारात्मकता से मोबाइल व गैजेट्स का उपयोग करें।

6- प्रधानमंत्री अपना तनाव कैसे हैंडल करते हैं?

इस प्रश्न पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाइट मूड में कहा कि कम-से-कम आप समझते तो हैं कि प्रधानमंत्री को भी तनाव होता है। पीएम मोदी ने कहा कि तनाव को हैंडल करने के लिए वह हर चुनौती को चुनौती देते हैं। चुनौतियां लाखों हैं तो समाधान भी करोड़ों हैं, मेरे साथ 140 करोड़ लोग हैं। देश में गरीबी थी, हमने इससे निपटने के लिए सोचा कि गरीब खुद ही अपनी गरीबी हटाएंगे, सरकार कौन होती है गरीबी हटाने वाली। साथ ही नीर क्षीर का विवेक चाहिए। आज 25 करोड़ से ज्यादा लोग गरीब से बाहर आ चुके हैं।

7- उन्होंने कहा कि उनके अंदर मौजूद सकारात्मक ऊर्जा का रहस्य उनके 140 करोड़ देशवासी हैं। वह रात दिन देश के लिए सोचते हैं और देश को बेहतर बनाने के लिए कार्य करते हैं।

8- छात्र-शिक्षकों की बीच मजबूत बांडिंग हो:

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छात्र और शिक्षक के बीच एक अटूट रिश्ता होना चाहिए। छात्र को अपने शिक्षक पर भरोसा होना चाहिए तथा शिक्षक को भी अपने छात्र की क्षमता पर भरोसा उसके साथ सकारात्मक माहौल बनाएं। शिक्षकों का कर्तव्य छात्रों के जीवन को बेहतर बनाना है।

9- महत्वाकांक्षी दोस्त होना वरदान के समान: पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने क्षेत्र में बहुत अच्छा करने वाला आपके पास दोस्त है तो यह वरदान के समान है। ऐसे दोस्त की सफलता से चिंतित नहीं होना चाहिए।

10 – परिवार को महत्व दें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ समय खाने टेबल पर परिवार के साथ गपशप भी करें। वहीं अभिभावकों से भी उन्होंने अपील की कि वे अपने बच्चों की तुलना किसी दूसरे छात्र की कामयाबी से न करें। या कुछ पैरेंट्स जो जीवन में कुछ नहीं कर पाए वे अपने बच्चे की कामयाबी के बारे में ही सबसे बात न करते रहें। इससे छात्र को लगेगा कि वह हर फील्ड में बेहतरीन है और उसे कुछ करने की जरूरत नहीं है।

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