इमरान खान (फाइल फोटो)।
– फोटो : ANI
विस्तार
पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अदालत से थोड़ी राहत मिली है। हालांकि, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक को अभी भी जेल में ही रहना होगा। दरअसल, लाहौर हाईकोर्ट ने मंगलवार को नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमले और हिंसा से जुड़े सात मामलों में खान की जमानत बहाल कर दी।
हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति आलिया नीलम और न्यायमूर्ति फारूक हैदर की पीठ ने खान की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें तोशाखाना मामले में खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को हुई हिंसा से जुड़े मामलों में उनकी अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज करने के संबंध में लाहौर की आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) के फैसले को चुनौती दी गई थी
इमरान खान के वकील बैरिस्टर सलमान सफदर ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि ट्रायल कोर्ट ने कानून का उल्लंघन करते हुए उनके मुवक्किल की जमानत याचिका खारिज की। उन्होंने दलील दी कि जेल में बंद होने के कारण खान अपनी जमानत की सुनवाई के लिए ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं हो सके। ट्रायल कोर्ट ने बिना उन्हें तलब किए जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। सफदर ने हाईकोर्ट से निचली अदालत के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी को पीटीआई के चुनाव चिन्ह क्रिकेट बैट को छीन लिया था। इसके बाद पार्टी के उम्मीदवारों ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पाकिस्तान चुनाव आयोग पहले ही खान और उनकी पार्टी के कई नेताओं के नामांकन पत्र खारिज कर चुका है।