One yoga, Kapalbhati, will cure 100 diseases, just five minutes of yoga, even the oldest disease will be cured in a jiffy. – News18 हिंदी

दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम :देखा जाए तो कपालभाति किसी तरह का प्राणायाम नहीं है, यह एक क्लेजिंग टेक्नीक है, जिसे षट्कर्म के अनुसार योग में शामिल किया गया है. षट्कर्म वो क्रियाएं हैं, जिन्हें नियमित रूप से किया जाए, तो शरीर से 60% विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. यह क्रिया सांस के साथ की जाती है. इसलिए इसे प्राणायम कहते हैं. यदि इस आसन को सही तरीके से किया जाता है, तो यह आपके दिमाग को शांत रखने के साथ 100 से भी ज्यादा बीमारियों से छुटकारा दिलाता है.

योगाचार्य शिक्षा नागर ने लोकल18 से कहा कि योग आपके मन और शरीर को स्वस्थ रखने का बेहतरीन विकल्प है. इसे करने से पुराने से पुराना रोग भी चुटकियों में सही हो जाता है. अगर आप भी बीमारियों से बचना चाहते हैं,तो कपालभाति जरूर कीजिए. यह आसन स्वयं में परिपूर्ण है. अगर इसे कर लिया जाए तो शायद ही कोई और आसन करने की जरूरत पड़े. इसके ढेरों फायदे भी है. अपने इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए नियमित रूप से कपालभाति करना फायदेमंद साबित होता है. तो जानिए कपालभाति करने के तरीके और इसके तमाम फायदों के बारे में विस्तार से.है.

कपालभाति करने के फायदे
आप अगर रोजाना कपालभाति करते है, तो इसे करने से लिवर के साथ किडनी से जुड़ी समस्या ठीक होती है. शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखने के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद होता है. साथ ही इसे नियमित रूप से करने से आंखों के नीचे के काले घेरों की समस्या भी खत्म हो जाएगी. आपके ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने और मेटाबॉलिज्म में सुधार करने के लिहाज से कपालभाति बहुत फायदेमंद है. इसके साथ ही गैस और एसिडिटी की समस्या में ये बहुत लाभदायक है. खास कर इसमें सांस छोड़ने की प्रक्रिया करने से फफेड़े लंबे समय तक ठीक से काम करते हैं. कपालभाति करने से हमारी याददाश्त बढ़ती है एवं दिमाग भी तेजी से काम करता है. इस प्राणायाम को करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है.

​कपालभाति में बरतें सावधानियां
अगर आप कपालभाति करते करते है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. इस समय अपनी सांस लेने की स्पीड को घटाए या बढ़ाए नहीं. सांस को एक समान रखें. इसके साथ ही इसे करते समय हमारा पूरा ध्यान पेट के मूवमेंट पर होना चाहिए. हमारी सांसों पर नहीं. साथ ही कपालभाति करते समय कंधे को हिलने नही चाहिए. आप सांस अंदर लेते समय पेट बाहर की ओर एवं सांस छोड़ते वक्त पेट अंदर की ओर होना चाहिए. इसके साथ ही अगर आपको हार्निया , अल्सर , सांस की बीमारी या हाइपरटेंशन हो, तो इसे करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए.

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