New Year | अमेरिका की गिरती साख

साल 2024 का आगाज हो गया है. कई देशों में अभी नया साल आना बाकी है. पूरी दुनिया में कैलेंडर बदलने में करीब 26 घंटों का वक्त लगता है. नए साल में पूरी दुनिया के सामने कई चुनौतियां बनी रहेंगी. इजरायल-हमास जंग, रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक संतुलन को लेकर भी ये साल चुनौतियों भरा रहेगा. 

अमेरिका के लिए ये साल सबसे चुनौतियों भरा रहेगा, इस साल देश में चुनाव हैं. दूसरी ओर वैश्विक पटल पर अमेरिका की घटती साख भी चिंता की वजह है. इजरायल-हमास जंग में अमेरिका को अरब मुल्क ने तो पहले ही नकार दिया था लेकिन अब सबसे बड़ी चिंता ये भी है कि इजरायल भी उसे नजरअंदाज करता दिख रहा है. 

वैश्विक महाशक्ति के नए फ्रंट की तैयारी

रूस में भी चुनाव है लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चुनाव को लेकर आत्मविश्वास से भरे दिखते हैं. उन्होंने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि अमेरिकी की सुपरपावर वाली छवि अब जर्जर हो चुकी है. इसलिए दुनिया को अब एक नए सुपरपावर की दरकार है जो लोकतांत्रिक मूल्यों से लैश होगा. पुतिन ने कहा था, “हम एक ऐसा फ्रंट तैयार करेंगे जो किसी पर अपने रिवाजों को थोपती न हो, किसी पर जबरन कोई दबाव न डालती हो.”

भारत के लिए क्या होंगे अवसर?

भारत के लिए 2024 बेहद खास है. इस साल देश में चुनाव हैं. चुनाव के नतीजों से भारत की वैश्विक स्थिति में बदलाव आएगी. भारत की स्थिति दुनिया भर में काफी अहम हो गई है. पिछले साल जी20 में सभी देशों को आपसी सहमति के राजी करवाने के बाद भारत का लोहा दुनिया मानती है. रूस के राष्ट्रपति भी बार-बार भारत की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं, लेकिन कनाडा और अमेरिका से हुए हालिया तनाव से भारत कैसे निपटती है ये भी काफी मायनों में अहम है. इससे भारत की कूटनीतिक और रणनीतिक ताकत का आभास दुनिया को होगा.

चीन की जद्दोजहद

चीन के लिए 2024 कई चुनौतियों से भरा हुआ है. एक ओर देश में बेरोजगारी की बढ़ती दर और दूसरी ओर खुद की वैश्विक पकड़ को बनाए रखना होगा. हालांकि चीन ने अमेरिका के साथ तनावों को कम करने के साथ ही अपनी पकड़ को साधने की कोशिश की है, हालांकि उसके लिए ये भी है एक चुनौती है कि अमेरिका और रूस के साथ रिश्तों में संतुलन साधना मुश्किल होगा. दूसरी ओर साउथ चाइना सी में ताइवान और फिलीपींस के साथ बढ़ते तनाव भी चीन को मुश्किल में डाल सकती हैं. अगर चीन ताइवान पर हमला करता है या फिर कोई कार्रवाई करता है तो पश्चिमी देश चीन पर हावी हो जाएंगे.

पाकिस्तान को खस्ताहाल अर्थव्यवस्था से मिलेगी निजात?

पाकिस्तान के लिए साल 2023

पाकिस्तान के लिए साल 2023 मुश्किलों से भरा रहा, पूरे साल देश कर्ज और महंगाई के दलदल में फंसा रहा, हाल तो यहां तक बिगड़ गए थे जब करीबी कहे जाने वाला चीन भी उसे आंख दिखाने लगा था. अगले महीने फरवरी में पाकिस्तान में चुनाव होने वाले हैं. देश की अर्थव्यवस्था के सुधारने के लिए सरकार अब तक कोई व्यापक नीति लेकर नहीं आई है. हालांकि पिछले बरस पाकिस्तान के शेयर बाजार में अभूतपूर्व उछाल देखने को मिला था. पाकिस्तान के लिए साल 2024 कैसा होगा इसका अंदाजा लगा पाना बेहद मुश्किल है.

2024 में 40 देशों होंगे चुनाव?

2024 में दुनिया भर के 40 देशों में चुनाव होने हैं. ये देश दुनिया की 42 प्रतिशत जीडीपी में योगदान देते हैं. वहीं दुनिया की करीब 41 प्रतिशत आबादी इन्हीं देशों में बसती है. नई सरकार बनने के बाद दुनिया की अर्थव्यवस्था भी तय करेगी कि आगे के रास्ते क्या होंगे. नई सरकारों की नीतियां इसमें अहम किरदार निभाएगी. 

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