<p>चैत्र नवरात्रि का त्योहार इस साल 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक मनाया जा रहा है और नौ दिवसीय उत्सव के प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक अलग अवतार की पूजा की जाती है. शुभ त्योहार का छठा दिन देवी कात्यायनी को समर्पित है, जिन्हें माँ दुर्गा का उग्र रूप माना जाता है. महिषासुरमर्दिनी के नाम से भी जानी जाने वाली मां कात्यायनी को चार, दस या अठारह हाथों से दर्शाया गया है. स्कंद पुराण के अनुसार, वह देवताओं के सहज क्रोध से उत्पन्न हुई थीं और उन्होंने शेर पर सवार होकर राक्षस महिषासुर का वध किया था.</p>
<p>नवरात्रि के छठे दिन, देवी कात्यायनी से जुड़ा रंग मैरून है. भक्तों को देवी को श्रृंगार का सामान और सिन्दूर चढ़ाने की सलाह दी जाती है. वामन पुराण के अनुसार, वह देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और शिव की संयुक्त ऊर्जा से बनाई गई थी जब राक्षस महिषासुर पर उनका क्रोध ऊर्जा किरणों के रूप में प्रकट हुआ था. ऐसा कहा जाता है कि कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों का ‘मांगलिक दोष’ दूर हो जाता है और अविवाहित लड़कियां भी अपनी पसंद का पति पाने की उम्मीद से इस दिन व्रत रखती हैं. अगर आप भी मां को खुश करना चाहते हैं, तो यहां उन्हें भोग लगाने के लिए मखाने के लड्डू की रेसिपी दी गई है, जिसे बनाकर आप भी देवी को खुश कर सकते हैं.</p>
<h2>मखाने के लड्डू के लिए इंग्रीडिएंट</h2>
<p>मूंगफली – 1/2 कप</p>
<p>घी – 2 बड़े चम्मच</p>
<p>मखाने या कमल के बीज – 2 कप</p>
<p>सूखा नारियल – 1 बड़ा चम्मच</p>
<p>शहद – 1/4 कप</p>
<h2>मखाने के लड्डू कैसे बनाएं?</h2>
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<li>एक कड़ाही में मध्यम आंच पर कुछ मूंगफली के दानों को भूरा और कुरकुरा होने तक सूखा भून लें. इन्हें आंच से उतार लें और पूरी तरह ठंडा होने दें.</li>
<li>इनका छिलका हटा दें और इन्हें पीसकर मोटा पाउडर बना लें.</li>
<li>कढ़ाई में थोड़ा घी गर्म करें और इसमें 2 कप मखाना डालें. इन्हें धीमी से मध्यम आंच पर 6-7 मिनट तक हल्का भूरा और कुरकुरा होने तक भून लीजिए. आंच से उतार लें और इसे पूरी तरह ठंडा होने दें. पीसकर मोटा पाउडर बना लें.</li>
<li>एक पैन में सूखा नारियल डालें और धीमी आंच पर एक मिनट के लिए सूखा भून लें.</li>
<li>मखाना पाउडर, भुना नारियल, पिसी हुई मूंगफली डालकर अच्छी तरह मिला लीजिए.</li>
<li>1/4 कप शहद डालें और अच्छी तरह मिलाएं.</li>
<li>अपनी हथेलियों को चिकना कर लें और मिश्रण से छोटे-छोटे लड्डू बना लें.</li>
<li>मां कात्यायनी का प्रसाद तैयार है. भोग लगाकर पूरे परिवार में प्रसाद बांटकर खाएं.</li>
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