
म्यांमार की सेना (फाइल)
– फोटो : पीटीआई
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भारत-म्यांमार सीमा पर जारी भीषण संघर्ष के बीच शुक्रवार को अराकान सेना (एए) के हमले के बाद म्यांमार सेना (एमए) के करीब 83 सैनिक मिजोरम के लांगताई जिले के तुईसेंटलांग गांव की ओर भाग कर भारतीय सीमा में प्रवेश कर गए हैं। जानकारी के मुताबिक एए विद्रोहियों ने ट्राई-जंक्शन क्षेत्र के अधिकांश एमए कैंपों पर कब्जा कर लिया है। इस बीच, म्यांमार सैनिकों के भारतीय सीमा में प्रवेश की खबर के बाद असम राइफल्स की एक टीम हालात का जायजा लेेने और आवश्यक कार्रवाई के लिए आगे की बढ़ी है।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक म्यांमार सेना (एमए) और अराकान सेना (एए) के बीच झड़पों के बाद शुक्रवार को कैप्टन रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में 83 एमए के जवान, 82 हथियारों (सभी प्रकार) के साथ भारत म्यांमार सीमा पर लगे मुइलावा/म्युइकवा में स्थित अपने शिविरों से भाग गए हैं। जानकारी के मुुताबिक वे भागकर शुक्रवार दोपहर बाद करीब 1.45 बजे भारत के मिजोरम राज्य के लांगताई जिले के गांव तुईसेंटलांग पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि इस संघर्ष में सौ से अधिक एमए सैनिकों को पता नहीं चल पाया है। इस घटना की जानकारी के बाद असम राइफल्स की एक टीम स्थिति का जायजा लेने और आवश्यक कार्रवाई के लिए तुईसेंटलांग की ओर आगे बढ़ी है।
जानकारी मिली है कि एमए हेप्टर और जेट लड़ाकू विमानों द्वारा भारी बमबारी के बावजूद, एए विद्रोही मैदान में डटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि एए विद्रोहियों ने ट्राई-जंक्शन क्षेत्र के अधिकांश एमए कैंपों पर कब्जा कर लिया है। जानकारी के मुताबिक मिजोरम का तुईसेंटलांग गांव ट्राई-जंक्शन से करीब 18 किलोमीटर दूर है।
विद्रोही एए ने एमए के ट्राई जंक्शन के अधिकतर कैंपों पर किया कब्जा
पिछले सप्ताह एमए सैनिकों ने की थी एए पर की थी बमबारी उल्लेखनीय है कि पिछले शुक्रवार को ही भारत-म्यांमार सीमा पर शुक्रवार को म्यांमार सेना के लाड़कू विमानों ने अराकेन आर्मी बेस पर बमबारी की। इसमें अभी तक 50 कैडरों के मौत हो गई थी। भारतीय सीमा के अंदर इस बामबारी का कोई असर नहीं हुआ था। गत शुक्रवार को म्यांमार सेना (एमए) के लड़ाकू विमानों और हेप्टरों ने म्यांमार गांव: वरंग के पास स्थित अराकन आर्मी (एए) बेस पर बमबारी की। इसमें 50 एए कैडर मारे गए थे और करीब 30 घायल हो गए थे।