Murder Mubarak Movie Review | मर्डर, मिस्ट्री और ह्यूमर के साथ ही अंत तक बांधे रखती है ये फिल्म, पंकज त्रिपाठी करते हैं एंटरटेन

मर्डर मुबारक (Photo Credits: Instagram)

मर्डर मुबारक (Photo Credits: Instagram)

फिल्म में लियो मैथ्यू (आशिम गुलाटी) की एक्सरसाइज करते हुए रहस्यमय तरीके से मौत हो जाती है। क्लब के प्रेसिडेंट इसे एक हादसा मानकर इस मामले को बंद करने का प्रस्ताव देते हैं।

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फिल्म: मर्डर मुबारक

डायरेक्टर: होमी अदजानिया

कास्ट: पंकज त्रिपाठी, सारा अली खान, विजय वर्मा, डिंपल कपाड़िया, करिश्मा कपूर, संजय कपूर, टिस्का चोपड़ा, आशिम गुलाटी, प्रियांक तिवारी, देवेन भोजानी, बृजेन्द्र काला

निर्देशक: होमी अदजानिया

रनटाइम: 2 घंटे 13 मिनट

रेटिंग्स: 4 स्टार्स

कहानी: फिल्म में लियो मैथ्यू (आशिम गुलाटी) की एक्सरसाइज करते हुए रहस्यमय तरीके से मौत हो जाती है। क्लब के प्रेसिडेंट इसे एक हादसा मानकर इस मामले को बंद करने का प्रस्ताव देते हैं। हालांकि, एसीपी भवानी सिंह (पंकज त्रिपाठी) अपने अनोखे अंदाज से यह पता लगाते हैं कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि एक साजिश है। एसीपी भवानी सिंह की नजर में जो भी आता है, उस पर शक की सुई जरूर जाती है। उनकी नजरों से कोई नहीं छूटता और वह आरोपियों की सच्चाई सभी के सामने लाने में कुशल हैं। फिल्म में कई अद्भुत ट्विस्ट हैं, जो दर्शकों को मजबूती से बांध कर रखते हैं। 

अभिनय: एसीपी भवानी सिंह की भूमिका ने सभी को एंटरटेनमेंट का भरपूर डोज भी दिया है। एक्टिंग की बात करें तो, विजय वर्मा, सारा अली खान, टिस्का चोपड़ा, संजय कपूर और डिंपल कपाड़िया से लेकर करिश्मा कपूर और अन्य एक्टर्स ने फिल्म में अपने अनोखे अंदाज से सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। लेकिन फिल्म की लाइन लाइट को पंकज त्रिपाठी ने अपनी बेजोड़ एक्टिंग से चुराया है। फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट ने भी अच्छी एक्टिंग की है।

फाइनल टेक:  क्राइम केस को सुलझाने में माहिर एक पुलिस अधिकारी हत्या की जांच में कई संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित करता है। वह उनकी दुनिया में एक बाहरी व्यक्ति के रूप में एंट्री आर्ट है और लोगों को समझाता है कि यह मामला जैसा दिखाई दे रहा है, उससे काफी अलग है यह फिल्म हाई सोसाइटी के के लोगों की जीवनशैली को प्रस्तुत करती है। इससे हमें यह भी अनुभव होता है कि कभी-कभी दिखाई गई चीज़ें हमें सच्चाई की ओर नहीं ले जातीं। होमी अदजानिया ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया है, और उन्होंने इसे बहुत ही संवेदनशीलता से पेश किया है। फिल्म की दिलचस्प बात यह है कि हर बार जब लगता है कि राज हल हो गया हैतो एक और राज खुल जाता है। फिल्म ने अपनी शुरुआत से ही दर्शकों को बांधे रखा हैफिल्म की कहानी, जो गजल धालीवाल और सुप्रोतिम सेनगुप्ता द्वारा लिखी गई है, अलग और मनोरंजन से भरपूर है। दिनेश विजन द्वारा इस फिल्म की प्रोडक्शन की गई है, जो की आपके लिए एक अनोखा अनुभव होगा। अगर आप कुछ नया और अलग देखने की इच्छा रखते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक सही चॉइस है।

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