जुलाई 2023 में मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में आयोजित एक कार्यक्रम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 की शुरुआत की थी।
इस रोग की रोकथाम की दिशा में भारत को अब बड़ी कामयाबी मिली है। भारतीय कंपनी ने इस रोग के लिए दवा का निर्माण कर लिया है। सोमवार (18 मार्च) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए लोगों को बधाई दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा, सिकल सेल रोग की रोकथाम के लिए दवा विकसित करने के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई। पीएम मोदी ने 2023 में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत की थी। यह दवा विशेष रूप से हमारे आदिवासी बहनों, भाइयों और बच्चों के लिए वरदान साबित होगी और हम जल्द ही इस रोग छुटकारा पा सकेंगे।
“Many congratulations to you for developing a medicine to prevent sickle cell disease. PM Modi launched the Sickle Cell Anemia Eradication Mission in 2023. This medicine will prove to be a boon, especially for our tribal sisters, brothers and children and we will soon free India… pic.twitter.com/mzCBUtjiTc
— ANI (@ANI) March 18, 2024
इससे पहले दवा निर्माता एकेयूएमएस ने घोषणा की थी कि उसने देश का पहला स्वदेशी हाइड्रोक्सीयूरिया ओरल सॉल्यूशन लॉन्च किया है, जिसका उपयोग बच्चों में सिकल सेल रोग के इलाज के लिए किया जा सकता है। कंपनी ने कहा कि यह दवा सरकार को 600 रु. प्रति वायल की कीमत पर उपलब्ध कराई जाएगी, जो वर्तमान में वैश्विक स्तर पर उपलब्ध दवा की कीमत 77,000 (प्रति वायल) का लगभग 1% है।
कंपनी का कहना है कि ये दवा कमरे के तापमान पर स्थिर रह सकती है, जबकि दुनियाभर में प्रयोग का जाने वाली अन्य दवाओं के भंडारण के लिए 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है।
Akums is proud to announce the launch of Hydroxyurea oral suspension, India’s First Room Temp stable drug for Sickle cell disease at only ~1% of global price.
We are heartily thankful to @mansukhmandviya ji, Dr. V K Paul, member @NITIAayog @CDSCO_INDIA_INF @Sanjeev15418889… pic.twitter.com/6TZKSySmjM
— Akums Drugs and Pharmaceuticals Limited (@AkumsOfficial) March 16, 2024
कंपनी ने फिलहाल बाजार में दवा की कीमत का उल्लेख नहीं किया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस दवा को बड़ी सफलता के तौर पर देख रहे हैं क्योंकि सरकार ने सिकल सेल रोग को खत्म करने का मिशन चलाया है जिससे आने वाले दो दशकों में देश को इस रोग से मुक्त किया जा सके। इस मिशन में लोगों की स्क्रीनिंग पर ध्यान दिया जाता है ताकि लक्षण वाले लोगों का समय पर उपचार हो सके। गौरतलब है कि सिकल सेल डिजीज के कारण कई प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं के विकसित होने का खतरा देखा जाता रहा है।
सिकल सेल डिजीज एक वंशानुगत रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं विकृत हो जाती हैं और उनका ब्रेक डाउन शुरू हो जाता है। इसमें रक्त कोशिकाएं तेजी से डेड होने लग जाती हैं जिससे रोगी में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की कमी (सिकल सेल एनीमिया) हो जाती है। ऐसे रोगियों को बार-बार संक्रमण होने, दर्द और थकान बने रहने की दिक्कत हो सकती है।
इस रोग का अगर समय रहते निदान हो जाए तो उपचार में दवाओं के अलावा, ब्लड ट्रांसफ्यूजन और कुछ गंभीर स्थितियों में बोन-मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत हो सकती है। अब इस स्वदेशी दवा के आने से रोगियों के इलाज में आसानी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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