नई दिल्ली : देश में पहली बार एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक लाख से अधिक सीटें उपलब्ध हुयीं हैं। इसके लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने 700 से ज्यादा मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले कुल 1,04,891 छात्रों की सूची तैयार की है। अबकी बार एक बार फिर यह आंकड़ा बढ़ने जा रहा है और माना जा रहा है कि 2024 में एमबीबीएस की 1 लाख 10 हजार सीटें उपलब्ध होंगी और 1 लाख से अधिक छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकने में सफल होंगे।
भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के जरिए मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की इस पूरी प्रक्रिया का संचालन कराया जा रहा है। आयोग का कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के साथ-साथ आयोग के नियमों के अनुसार ही प्रवेश दिया जाएगा। पिछली बार के प्रवेश के बारे में कुछ ऐसी शिकायतें मिली थीं कि कई एमबीबीएस के छात्र बिना काउंसलिंग के ही मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ले चुके हैं। ऐसे लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि जिन छात्रों ने काउंसलिंग में हिस्सा नहीं लिया था, उनको मेडिकल की पढ़ाई करने से रोक दिया जाएगा और उनका एडमिशन तत्काल रूप से निरस्त कर दिया जाएगा।
रद्द हो जाएगा एडमिशन
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के निदेशक डॉक्टर शंभूशरण कुमार ने बताया है कि पिछले साल एमबीबीएस कोर्स को नए दिशा निर्देश के अनुसार चलाया गया था, जिसके तहत कोई भी छात्र या छात्रा मनमाने तरीके से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पाएंगे। सभी के लिए बाकायदा नियमों का पालन करना अनिवार्य बनाया गया था और कहा गया था कि प्रवेश प्रक्रिया काउंसलिंग के जरिए ही निर्धारित होगी।
वहीं कुछ जगहों पर शिकायत आ रही है कि कई मेडिकल कॉलेजों में बिना काउंसलिंग की प्रक्रिया संपन्न कराए छात्रों का दाखिला ले लिया गया है। इसके लिए आयोग ने सभी प्रबंधकों को पत्र लिखकर 10 दिन के अंदर अपने यहां प्रवेश लेने वाले छात्रों की सूची मांगी है।
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अगले साल 1 लाख 10 हजार को मौका
कहा जा रहा है कि आयोग इस पूरी जानकारी का अपने आंकड़ों के साथ मिलन करेगा और अगर इसमें कोई भी छात्र या छात्रा संदिग्ध पाए जाते हैं तो उनके प्रवेश को निरस्त कर दिया जाएगा।
आयोग द्वारा बताया गया कि 2022 में 92 हजार सीटों पर एमबीबीएस के छात्रों का प्रवेश हुआ था, लेकिन नए मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ाने के बाद 2023 में या आंकड़ा 1 लाख 4 हजार तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा 2024 में 1 लाख 10 हजार तक पहुंच जाएगा। यह आंकड़ा अन्य देशों की तुलना में काफी अधिक है। अब हमारे देश में हर साल 1 लाख 10 हजार युवा एमबीबीएस की पढ़ाई करके डॉक्टर बन जाया करेंगे।
आपको पता होगा कि हर साल NEET की परीक्षा के जरिए मेडिकल कॉलेज की सीटों को एलॉट किया जाता है। अबकी बार भी NEET 2024 की परीक्षा के जरिए एडमिशन लिए जाएंगे।